नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने क्रि केटर एस श्रीसंत पर बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति द्वारा आजीवन प्रतिबंध लगाने के आदेश पर पुर्निवचार करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध का आदेश देते समय खिलाड़ी के अपराध की गंभीरता का विश्लेषण नहीं किया। मैच फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अधिकतम आजीवन प्रतिबंध और न्यूनतम पांच साल की पाबंदी का प्रावधान है। जस्टिस अशोक भूषण और केएम जोसेफ की बेंच ने श्रीसंत को आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप से बरी नहीं किया, लेकिन आजीवन प्रतिबंध लगाने के पीछे बीसीसीआई द्वारा तर्क नहीं दिए जाने पर दोबारा विचार करने को कहा।