उदयपुर। अलख नयन मंदिर आई इंस्टीट्यूट के प्रतापनगर स्थित नए वल्र्ड क्लास हाईेटेक सेंटर की तीसरी वर्षगांठ 16 और 17 मार्च को मनाई जाएगी। इस अवसर पर कई जागरूकता कार्यक्रम होंगे और नई तकनीकों, उपचार पद्धतियों आदि पर गहन मंथन किया जाएगा।
अलख नयन मंदिर आई इंस्टीट्यूट के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एल.एस. झाला ने बताया कि नेत्रदान के प्रति जन जागरूकता उनका लक्ष्य ही नहीं मिशन है। नई तकनीकों का कमाल है कि अब हमारी आंख का एक कोर्निया दो मरीजों के काम आ जाता है। एक नेत्रदान करने पर दो जनों को फायदा हो सकता है और दोनों आंखों का नेत्रदान करने पर चार जनों का जीवन फिर से रोशन हो सकता है।
अलख नयन मंदिर के नेत्र प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. नीतिश खतूरिया ने बताया कि दक्षिणी राजस्थान में सिर्फ अलख नयन आई इंस्टीट्यूट ही नेत्र प्रत्यारोपण के विश्व स्तरीय चिकित्सा तकनीकों वाले ऑपरेशन कर रहा है। पिछले 18 महीने में इंस्टीट्यूट 118 नेत्र प्रत्यारोपण कर चुका है जो अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। इतना बड़ा लक्ष्य अब तक कहीं पर अचीव नहीं किया गया है।
डॉ. झाला ने बताया कि भारत में करीब सवा करोड़ लोग अन्धता से ग्रस्त हैं। इनमें से 12 लाख लोगों अभी नेत्र प्रत्यारोपण के ऑपरेशन के इंतजार में हैं व हर साल उसमें 50 हजार की बढ़ोतरी हो रही है। यदि मृत्यु के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल पांच से छह लाख के करीब है। उसमें से करीब 50 हजार का ही नेत्रदान किया जाता है। इतनी कम संख्या का कारण लोगों में अब भी जागरूकता की कमी है। जो 50 हजार नेत्रदान किए जाते हैं उसमें से 25 हजार ही प्रत्यारोपण में ही काम आते हैं।
हमारे यहां भी होने चाहिए काउंसलर
डॉ. झाला ने बताया कि श्मशान घाट, आईसीयू, ट्रोमा एवं इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भी काउंसलर होने चाहिए ताकि वे वहां पर भी लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित कर सके। दिल्ली के एक अस्पताल ने एक्सीडेंटल ट्रोमा सेंटर में काउंसलर की तैनाती की है जो एक्सीडेंट वाले मामलों में नेत्रदान की प्रेरणा देते हैं। इसी प्रकार की व्यवस्था अपने यहां पर भी हो सकती हैं। हम सबको मिलकर इसके प्रति जागरूकता लानी होगी।
दो दिन तक होगा मंथन
अलख नयन मंदिर आई इंस्टीट्यूट और उदयपुर ऑप्थेल्मोलोजी सोसायटी ओर से संस्थान केआई इंस्टीट्यूट प्रतापनगर में लाइव सर्जरी -‘एडवांस केरेटोप्लास्टी एंड रेफरेक्टिव प्रोसीजर्स’ का आयोजन शनिवार 16 मार्च दोपहर 2.30 से शाम 5.30 बजे तक होगा।
कार्यशाला में नामी चिकित्सक-सर्जन ने तकनीकी नावोन्मेष की चर्चा करते हुए लाइव सर्जरी करेंगे। पैनल में डॉ. अनिल कोठारी, डॉ. आलोक व्यास, डॉ. अशोक बैरवा, डॉ. ऋषि मेहता होंगे जबकि मॉडरेटर डॉ. जतिन असहर होंगे। इस अवसर पर डिसेक इन फेल्ड ग्राफ्ट पर अलख नयन मंदिर आई इंस्टीट्यूट के डॉ. नीतिश खतूरिया, पोस्ट लेसिक केटेरेक्ट सर्जरी विद ट्राई-फोकल आईओएल (पेनोप्टिक्स) पर डॉ. एल.एस झाला, डीमैक व कैटेरेक्ट सर्जरी पर शंकरा आई हॉस्पिटल कोयम्बटूर के डॉ. के एस सिद्धार्थन, अलख नयन मंदिर आई इंस्टीट्यूट के डॉ. एल.एस झाला, केरेटोप्रोस्थेसिस पर मुंबई आई केयर के डॉ. जतिन असहर व्याख्यान देंगे।
रविवार 17 मार्च को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक होटल आमंत्रा कंफर्ट न्यू फतहपुरा में सीएमई ऑन रिफ्रेक्टिव प्रोसीजर्स का आयोजन होगा। इसमें पैनलिस्ट डॉ. अनिल कोठारी, डॉ. के.एस सिद्धार्थन, डॉ. जतिन असहर, डॉ. विजय गुप्ता होंगे जबकि मॉडरेटर डॉ. सोनू गोयल होंगे। इस अवसर पर विभिन्न विषयों पर ाी गहन चर्चा होगी। पैशेंट सलेक्शन : गेटिंग रेडी फॉर द बैटल विषय पर डॉ. अनिल कोठारी, एक्टेशिया स्क्रीनिंग : मेकिंग द टफ कॉल्स पर डॉ. नितीश खतूरिया, पोस्ट लेसिक एक्टेशिया-ए नाइटमेयर पर डॉ. के.एस सिद्धार्थन, पोस्ट लेसिक अनहैप्पी पेशेंट्स-द ब्ल्यूज पर डॉ. जतिन अशहर, आईसीएल-ऑल यू नीड टू नो पर डॉ. सोनू गोयल, आईओएल पावर केलकुलेशन इन पोस्ट रिफ्लेक्टिव सर्जरी-द लास्ट एरो पर डॉ. एल.एस झाला विचार रखेंगे।