कोटा से ओम बिरला का झालावाड़ से दुष्यंत सिंह को मिली हरी झंडी

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Published on : 15 Mar, 19 06:03

के डी अब्बासी

कोटा से ओम बिरला का झालावाड़ से दुष्यंत  सिंह  को  मिली हरी झंडी

कोटा । बुधवार को जयपुर में भाजपा की कोर कमेटी की दूसरी बैठक में 12 सांसदों को फिर से चुनाव मैदान में उतारने का मन बनाया हे जिसमे कोटा बूंदी लोकसभा सीट के लिए सांसद ओम बिरला को और झालावाड़ लोकसभा सीट दुष्यंत सिंह नाम लगभग देख कर दिया गया है। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने प्रत्याशी चयन का काम तेज कर दिया है। भाजपा ने सभी 25 सीटों को लेकर सर्वे करवा लिया है। बताया जा रहा है कि पार्टी 25 में से 12 लोकसभा सांसदों को फिर से चुनाव मैदान में उतारने का मन बना चुकी है। 13 लोकसभा सीटों पर संशय बना हुआ है।

जिन 12 सीटों पर पार्टी ने मौजूदा सांसदो को उतारने का फैसला किया है उसमें कोटा और झालावाड़ की सीट भी शामिल है।  इसके अलावाजालोर-सिरोही, भीलवाड़ा, पाली, उदयपुर, चित्तौडगढ़़, कोटा, टोंक-स.माधोपुर, जोधपुर, जयपुर ग्रा., श्रीगंगानगर, बीकानेर पर भी पार्टी मौजूदा सांसदो पर दांव खेलेगी।

अजमेर, बांसवाड़ा, राजसमंद, जयपुर, अलवर, करौली-धौलपुर, नागौर, बाड़मेर, भरतपुर, झुंझुनूं, सीकर, दौसा, चूरू सीटो पर अभी संशय बना हुआ है।

बैठक में चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अगले एक सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के दौरे होंगे। ये लोकसभा चुनाव भाजपा आतंकवाद, गरीबी, गंदगी और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के मुद्दे पर लड़ेगी। देश में मजबूत सरकार चाहिए, न कि मजबूर सरकार। मोदी ने सेना को कार्रवाई की खुली छूट दे रखी है, लेकिन विपक्षी पराक्रमी सेना पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। कांग्रेस में नर्वसता दिख रही है। महागठबंधन धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। भाजपा पहले से ज्यादा मजबूत होती जा रही है। उत्तर प्रदेश में सपा—बसपा ने कांग्रेस को दो सीटें देकर अलग-थलग पटक दिया है।

बैठक में प्रत्याशी चयन से लेकर कांग्रेस सरकार के विधानसभा चुनाव में किए गए वादों पर चर्चा हुई। साथ ही महाराष्ट्र के एक चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा गया कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव जब साथ हुए थे तो वहां की जनता ने भले ही विधानसभा चुनावों में भाजपा का साथ नहीं दिया हो, लेकिन लोकसभा चुनावों में भाजपा का साथ दिया था। इसलिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का काम करते रहें। पार्टी जिसको भी टिकट दे, उसे जिताकर भेजने के लिए बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी जाए                   


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