अजमेर | सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज एवं वंशानुगत सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने मुसलमानों से एकजुटता पर जोर देते हुएतालीम को हथियार बनाने का आह्वान किया उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि हिंदुस्तान में इस्लाम खानकाहों के बूते फैला है ना की मदरसों से । खानकहां (दरगाह) मुल्क में अमन औरइत्तेहाद की गवाह है। अमेरिका और इजरायल के इशारों पर काम कर रहे मुट्ठी भर आतंकवादी इस्लाम की गलत तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
दरगाह दीवान आबेदीन अपने पूर्वज सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 807वें सालाना उर्स के समापन की पूर्व संध्या पर ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित खानकाह में देश की प्रमुखदरगाह के सज्जादगान चिष्तिया खानकाहों के प्रमुख एवं धर्मगुरुओं की वार्षिक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि हिन्दुस्तान में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती जैसेसूफियों की बदौलत इस्लाम फैला है ख्वाजा गरीब नवाज ने हर मजहब और मिल्लत के मानने वालों को रास्ता दिखाया। सूफी औलिया ही इस मुल्क में इस्लाम की पहचान हैं। इस्लाम की बुनियादही अमन और भाईचारा है तमाम खानकाहों से जोड़कर एक नए इत्तेहाद और सद्भावना के
रिश्ते की शुरूआत करना चाहते हैं।