‘‘वैदिक शिक्षा पद्धति का पोषक कन्या गुरुकुल, खरल-जीन्द”

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Published on : 09 Mar, 19 04:03

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।

‘‘वैदिक शिक्षा पद्धति का पोषक कन्या गुरुकुल, खरल-जीन्द”

 हमारे बहुत से मित्रों को यह ज्ञात नहीं होगा कि हरयाणा राज्य के जीन्द-126116 जिले में नरवाना तहसील के खरल ग्राम में एक कन्या गुरुकुल संचालित होता है। इस गुरुकुल का सम्पर्क दूरभाष नम्बर 01684-273141 है। गुरु का ईमेल [email protected] है। इस गुरुकुल की स्थापना 26 जनवरी सन् 1976 को हुई थी। संस्थापक हैं स्व0 स्वामी रत्नदेव सरस्वती जी। गुरुकुल की संस्थापक आचार्या डॉ0 कुमारी दर्शना देवी जी हैं। गुरुकुल का संचालन इसकी प्रबन्ध समिति ‘वैदिक शिक्षण संस्थान, कन्या गुरुकुल खरल (जीन्द)’ द्वारा किया जाता है। गुरुमुल अध्ययन-अध्यापन में पूर्णरूपेण क्रियाशील है। गुरुकुल में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी तथा भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां (सोनीपत) की पाठविधि से शिक्षा दी जाती है। गुरुकुल सरकार से स्थाई मान्यता प्राप्त है। गुरुकुल में विभिन्न कक्षाओं में निम्नलिखित छात्रायें अध्ययनरत हैं:

 

कक्षा 1 से 5                           - 147

कक्षा 6                                   - 94

कक्षा 7                                   - 81

कक्षा 8                                   - 111

कक्षा 9                                   - 172

कक्षा 10                                 - 286     

कक्षा 10 प्लस 2                   - 240

कक्षा 10 प्लस 1                   - 261

 

                यह गुरुकुल अपनी निजी भूमि में स्थित है जिसका कुल क्षेत्रफल 28 एकड़ है। गुरुकुल की अचल सम्पत्तियों में निम्न भवन आदि सम्मिलित हैंः

 

विशाल छात्रावास भवन

विद्यालय भवन

भोजनालय

विशाल यज्ञशाला

विशाल बहुद्देशीय हाल वा सभा भवन

पुस्तकालय

कम्प्यूटर लैब

भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान प्रयोगशाला

स्टाफ क्वार्टर्स

पाकशाला

गौशाला भवन 1

विशाल सभागार

 

                गुरुकुल में एक गौशाला है। गुरुकुल में कृषि का कार्य भी होता है। गुरुकुल की यह उपलब्धि कह सकते हैं कि इस गुरुकुल से हजारों छात्रायें शिक्षित हुई हैं। स्नातक छात्राओं में से कुछ अन्य विद्यालयों में अध्यापिकायें नियुक्त हुई हैं। नेपाल की अनेक छात्रायें यहां शिक्षित होकर नेपाल में चिकित्सक नियुक्त हुई हैं। भारत के अनेक प्रान्तों की छात्राओं ने यहां शिक्षा प्राप्त की है। कुछ छात्रायें उच्च पदों पर कार्यरत हैं। यहां की छात्राओ ंसे हरियाणा राज्य में नारी शिक्षा का प्रचार हुआ है। गुरुकुल की आय का अपना कोई स्रोत नहीं है। सभी कार्य गुरुकुल प्रेमियों के दान व उनसे चन्दा इकट्ठा करके किये जाते हैं। राज्य सरकार से आंशिक आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। जहां तक शिक्षकों को राज्य सरकार से मानदेय का प्रश्न है, इन्हें सरकार से कोई मानदेय प्राप्त नहीं होता है। गुरुकुल में बिजली की स्थाई व निरन्तर रूप से पूर्ति नहीं होती। बिजली सुचारु रूप से लगातार मिलती रहे, इसके लिये दानी महानुभावों से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा है। गुरुकुल सरकार से भी अपेक्षा करता है कि सरकार की गुरुकुल के प्रति सकारात्मक सोच हो और सरकार की ओर से गुरुकुल की मूलभूत आवश्यकतायें पूरी की जायें।

 

                गुरुकुल की आचार्या जी के निम्न सुझाव हैं जिन्हें यहां प्रस्तुत किया जा रहा हैः-

 

1-  उत्तर भारत के सभी गुरुकुलों का केन्द्रीय स्तर पर एक बोर्ड गठित होना चाहिये।

2-  सभी गुरुकुलों का पाठ्यक्रम एक होना चाहिये।

3- केन्द्र सरकार गुरुकुलों की अपने अन्य विद्यालयों के समान आर्थिक सहायता प्रदान करे। गुरुकुलों को स्वायत्तशासी संस्था के रूप में संचालित किया जाये।

4-  गुरुकुल के अध्यापक व अध्यापिकाओं का एक प्रशिक्षण केन्द्र होना चाहिये। यह कोई गुरुकुल हो सकता है।

5-  सभी गुरुकुलों को वैदिक धर्म, संस्कृति व सभ्यता के रक्षण पर विशेष ध्यान देना चाहिये।

 

                गुरुकुल के उपप्रधान श्री जिले सिंह आर्य (मोबाइल 9467222721), मंत्री मा0 ओम प्रकाश आर्य तथा कोषाध्यक्ष मा0 राय सिंह आर्य हैं। हम आशा करते हैं कि गुरुकुल में अध्ययनरत बड़ी संख्या में छात्रायें आर्यसमाज के कार्यों को आगे बढ़ायेंगी। यह गुरुकुल की सभी स्नातिकायें वैदिक धर्म की प्रारिकायें बन जाये ंतो देश एवं आर्यसमाज में क्रान्ति आ सकती है। ओ३म् शम्।

-मनमोहन कुमार आर्य

पताः 196 चुक्खूवाला-2

देहरादून-248001

फोनः09412985121


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