60 वर्ष की उम्र पर पंजीकृत मजदूर को 3000 पेंशन देने की मांग कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने श्रमिक कल्याण मंडल के अध्यक्ष एवं राजस्थान के श्रम मंत्री टीकाराम जूली को पत्र लिखकर मांग की है कि भवन निर्माण व अन्य संनिर्माण का काम करने वाले पंजीकृत कमठा मजदूरों को को 5 साल पंजीकृत रहने पर दिल्ली सरकार की तर्ज पर 60 वर्ष की उम्र पूरी करने पर 3000 की पेंशन दी जाए पत्र में लिखा जब राजस्थान में 2009 में भवन निर्माण एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मंडल गठित हुआ था तब मंडल ने श्रमिकों को पंजीकृत किया था और पंजीयन डायरी के बिंदु संख्या दो पर स्पष्ट लिखा कि 60 वर्ष की आयु होने पर पेंशन दी जाएगी और उसके बाद मंडल ने एक भी मजदूर को पेंशन नहीं दी इस कारण 60 वर्ष के बाद मजदूर जोखिम का काम करने की स्थिति में नहीं होता है और उसको पेंशन ही उसका एक सहारा होता है लेकिन मंडल ने राजस्थान के मजदूर को लिखित में वादा किया कि 60 वर्ष की उम्र पर पेंशन दी जाएगी लेकिन 8 साल गुजर जाने के बाद में भी मंडल ने राज्य के पंजीकृत मजदूरों में से 60 वर्ष की उम्र पार करने वाले को पेंशन नहीं दी मजदूर नेता ने आगे बताया कि दिल्ली सरकार ने पंजीकृत कमठा मजदूर को 5 साल पूरे करने पर और 60 साल की उम्र पूरी होने पर 3000 प्रतिमाह पेंशन देने का नियम बनाया है और इसी तरह जो विकलांग है उनको भी 3000 तथा स्थाई विकलांग है उनको भी 3000 तथा जो लकवे से कोढ़ जैसे रोग से और जिसको टीबी है और जो एक्सीडेंट से स्थाई विकलांग हो गए हैं उनको भी प्रतिमाह 3000 की पेंशन दी जाती है मजदूर नेता लक्ष्मण बडेरा ने श्रम कल्याण मंडल को कहा कि मजदूरों की 60 साल की उम्र पर तथा टीबी,लकवा एक्सीडेंट से ग्रसित होने व स्थाई विकलांग को 3000 की पेंशन देने का नियम दिल्ली सरकार की तर्ज पर बना कर लाभान्वित करावे