देश की सेना के प्रति अभद्र टिप्पणी करने वाले प्राचार्य का जमानत आवेदन निरस्त

( 6672 बार पढ़ी गयी)
Published on : 28 Feb, 19 07:02

देश की सेना के प्रति अभद्र टिप्पणी करने वाले प्राचार्य का जमानत आवेदन निरस्त

 प्रतापगढ |  जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा ने भारतीय सेना के विरूद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मोहम्मद इकराम अजमेरी प्रिंसीपल रा०उ०मा०वि० कुणी की जमानत अर्जी खारीज की।

            लोक अभियोजक तरूणदास वैरागी ने जानकारी दी कि दिनांक १५.०२.१९ को कुणी विद्यालय के प्राचार्य मोहम्मद इकराम अजमेरी ने सेना के विरूद्ध अपशब्दों का प्रयोग किया एवं देश के विरूद्ध भाषण दिया। इस पर थाना हथुनिया ने प्रकरण संख्या १९/२०१९ अन्तर्गत धारा १५३बी, २९५ए, ५०४ आईपीसी में दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ कर प्रधानाचार्य को गिरफ्तार किया। जो न्यायिक अभिरक्षा में है। अभियुक्त के वकील अजय सक्सेना ने न्यायालय में जमानत के वक्त अपने प्रार्थना पत्र में अभियुक्त को धर्म विशेष का होने का हवाला दिया एवं न्यायालय में अभियोजन के पक्ष में खडे वकीलों को मोब बताया, जिस पर लोक अभियोजक व उनके साथ खडे वकीलों ने कडी आपत्ति जताई। जिस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए वकील अभियुक्त अजय सक्सेना से लिखित माफी के लिये कहा। जिस पर लिखित माफी मांगने पर न्यायालय ने कार्यवाही आगे जारी रखी।

            न्यायालय ने प्रकरण में अभियुक्त के कृत्य को गम्भीर मानते हुए लिखा कि एक शिक्षक द्वारा भारतीय सेना पर टिप्पणी करना गैर जिम्मेदाराना कृत्य है। पुलवामा हमले ने देश के जनमानस को उद्वेलित किया है। सम्पूर्ण राष्ट्र बदला लेने के लिये भारतीय सेना के साथ खडा है। इस घटना ने सम्पूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में बांधा है। इस स्टेज पर अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र अस्वीकार की जाती है।

            अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक तरूणदास वैरागी अधिवक्ता रमेश चन्द्र शर्मा द्वितीय, अमजद खां पठान, अरूण पण्ड्या, अरूण वैष्णव, मनीष नागर, बलवंत बंजारा एवं अमित जैन सहित करीब २५ से ३० अधिवक्ताओं ने पैरवी की।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.