उद्योगों में सुरक्षा के साथ देश की सुरक्षा भी आमजन का दायित्व ः डॉ. कोठारी

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Published on : 28 Feb, 19 06:02

औद्योगिक सुरक्षा एवम् स्वास्थ्य पर यूसीसीआई में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

उद्योगों में सुरक्षा के साथ देश की सुरक्षा भी आमजन का दायित्व ः डॉ. कोठारी

 उदयपुर । “औद्योगिक सुरक्षा एक वृहद विषय है। औद्योगिक दुर्घटना में कार्मिक घायल या अपंग हो सकता है, उसकी मृत्यु हो सकती है, सम्पत्ति का नुकसान हो सकता है तथा कानूनी पेचीदगियां उत्पन्न हो सकती है। अतः औद्योगिक सुरक्षा का कोई विकल्प नहीं है।“

उपरोक्त जानकारी श्री डी.एल. डामोर ने यूसीसीआई में दी।

कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग द्वारा उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री संयुक्त तत्वावधान में यूसीसीआई भवन के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में ”औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य“ पर एक दिवसीय सम्भाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त निदेशक श्री विपुल जानी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

कार्यशाला के आरम्भ में कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग, बांसवाडा के वरिष्ठ निरीक्षक श्री एस.एल. रेगर ने विषय विशेषज्ञों का बुके भेंट कर स्वागत किया।

उपाध्यक्षा डॉ. अंशु कोठारी ने अपने स्वागत भाषण में यू.सी.सी.आई. की गतिविधियों एवं कार्यकलापों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षा मात्र उद्योगों में ही नहीं अपितु सभी जगह आवश्यक है। डॉण् अंशु कोठारी ने कहा कि कई प्रकार की सावधानियाँ बरतने एवं सुरक्षात्मक उपाय अपनाने के बावजूद औद्योगिक दुर्घटनाएँ एवं त्रासदियाँ घटित होती रहती हैं। उन्होंने बंगलौर में एयर शो के दौरान पार्किंग में लगी आग के कारण ३०० से अधिक कारों के जल जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि एक छोटी सी सुरक्षात्मक चूक एक बहुत बडे हादसे का कारण बन जाती है। डॉ. अंशु कोठारी ने छोटे एवं बडे सभी प्रकार के उद्योगों में ”दुर्घटना प्रबन्धन एवं औद्योगिक त्रासदियों की रोकथाम“ को एक आन्दोलन के रूप में आरम्भ किए जाने पर बल दिया।

कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग, कोटा के उप मुख्य निरीक्षक श्री अब्दुल सलीम ने कहा कि उद्योगों के नियोक्ताओं, प्रबन्धकों एवं कार्मिकों में औद्योगिक सुरक्षा के उपायों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है। दुर्घटना के कारणों पर प्रकाश डालते हुए श्री सलीम ने कहा कि प्रायः कार्मिक द्वारा ठीक से सुना नहीं, देखा नहीं अथवा नहीं पूछने के कारण दुर्घटना घटित होती है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाईयों के साझे में उद्योगों में सुरक्षात्मक उपायों से सम्बन्धित कार्यक्रमों के आयोजन हेतु कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग संकल्पबद्ध है। कारखानों में घटने वाली दुर्घटनाओं को सुरक्षा के उपाय अपनाकर किस प्रकार कम किया जा सकता है, इस पर प्रकाश डालते हुए श्री अब्दुल सलीम ने प्रतिभागियों से इस प्रशिक्षण शिविर से लाभ उठाने की अपील की।

कारखाना एवं बॉयलर्स विभाग के उप मुख्य निरीक्षक श्री डी.एल. डामोर ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा सभी विषय विशेषज्ञों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। श्री डामोर ने कारखाना अधिनियम के तहत उद्योगों में जान एवं माल की रक्षा हेतु सुरक्षा उपायों की वैधानिक प्रावधानों तथा प्राथमिक उपचार के प्रशिक्षण की आवश्यकता की जानकारी दी। श्री डी.एल. डामोर ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों में दुर्घटना की दर को शून्य स्तर तक लाने तथा दुर्घटनारहित उत्पादन का लक्ष्य पाने का सभी उद्यमिय एवं कर्मचारियों से आव्हान किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त निदेशक श्री विपुल जानी ने कहा कि सुरक्षा का आधार मानव मूल्य है। यदि उद्योग का प्रबंधन यह तय कर ले कि हमें इकाई में सुरक्षा संस्कृति विकसित करनी है तभी श्रमिकों में सुरक्षा मानकों के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो सकेगी। किंतु इसमें विसंगति यह है कि आम जीवन में जब हमें आधारभूत सुविधाऐं एवं सुरक्षा दृष्टिगोचर नहीं होती है तो श्रमिक उद्योग में कैसे सुरक्षा के प्रति अपनी मानसिकता एवं भावना में बदलाव ला पायेंगे।

तकनीकी सत्र के दौरान इण्डिया सीमेन्ट लिमिटेड, बांसवाडा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय राणा ने व्यवसायिक रोगों एवं इनसे बचाव के उपायों पर पावर पॉईन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रकाश डाला।

हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, चन्देरिया के लोकेशन हेड - सुरक्षा श्री आदित्य कुमार सिंह ने उद्योगों में विद्युत सुरक्षा एवं संभावित दुर्घटनाओं से बचने के उपायों तथा बिजली का करंट लगने पर प्राथमिक उपचार के विषय में प्रशिक्षणार्थीयों को प्रशिक्षण प्रदान किया।

स्वास्थ्य एवं प्राथमिक सहायता प्रशिक्षण सत्र के दौरान सुरक्षा संग्रहालय एवं प्रशिक्षण केन्द्र, जयपुर  के सहायक निदेशक श्री अरूण मौर्य ने दिल का दौरा पडने तथा हृदय गति रूकने पर प्राथमिक उपचार के उपायों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।

प्रशिक्षण शिविर में उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौडगढ, प्रतापगढ, बांसवाडा एवं डूंगरपुर की विभिन्न औद्योगिक इकाईयों से आए लगभग २०० कर्मकारों एवं प्रबन्धकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

कार्यक्रम का संचालन एवं कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग के उप मुख्य निरीक्षक श्री डी.एल. डामोर ने किया।


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