नवजात शिशु के दिल में छेद का बिना सर्जरी किये दवाईयों द्वारा उपचार सफल

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Published on : 20 Feb, 19 10:02

३ लाख की ह्रदय सर्जरी का फोर्टिस जेके हॉस्पिटल में मात्र ८ हजार में दवाईयों द्वारा उपचार सफल

 नवजात शिशु के दिल में छेद का बिना सर्जरी किये दवाईयों द्वारा उपचार सफल

 उदयपुर।   फोर्टिस जेके हॉस्पिटल में नवजात शिशु  के हदय में छेद का दवाईयों द्वारा उपचार में सफलता मिली। नवजात शिशु  को स्वस्थ डिस्चार्ज किया। कुछ दिनों पूर्व जन्में समयपूर्व नवजात को सांस लेने, वजन कम होने के साथ ही कई समस्याएं थी। जिसे फोर्टिस जेके हॉस्पिटल के नवजात शिशु रोग विषेशज्ञ डॉ. राजकुमार बिस्नोई ने कार्डियक ऑपिनियन कर ईकोग्राम किया गया। जिसमें ५ मीमी ह्रदय मे छेद पाया गया। जिसे ह्रदय सर्जरी नहीं कर दवाईयों द्वारा उपचार सफल रहा।

नवजात शिशु रोग विषेशज्ञ डॉ. राजकुमार बिष्नोई ने बताया कि गर्भ के दौरान दिल के छेद होते है जो सामान्यतः जन्म के बाद बंद हो जाते है। फोर्टिस जेके हॉस्पिटल में समयपूर्व पैदा हुए नवजात बच्चे का वजन कम था, ष्वास नहीं ले पा रहा था, दो हफ्ते तक एनआईसीयू में भर्ती कर गंभीरता को देखते हुए वेटिलेटर पर रखा गया। सांस की तकलीफ होने के कारण कार्डियक ऑपिनियन लिया गया जिसमें डॉ सीपी पुरोहित की देखरेख में कार्डियक ईकोग्राम किया गया जिसमें ह्रदय में ५ मीमी छेद का पता लगा। फोर्टिस जेके हॉस्पिटल की कार्डियक टीम कार्डियक सर्जन डॉ जी. चन्द्रषेखर, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सी पी पुरोहित, डॉ. हरीष सनाढ्य एवं डॉ षैलेन्द्र दीक्षित ने जांच एवं परिक्षण कर सर्जरी नहीं कर दवाईयों द्वारा उपचार अपनाया गया। बहुत ही कम खर्च में ईलाज सफल रहा परिजनों को भी राहत मिली। दो दिन बाद ही अस्पताल से छूट्टी दे दी गई। पीडीए में समय पर उपचार नहीं मिलने से ऐसे बच्चे षरीरिक रूप से कमजोर रहते ह, सांस की बीमारी के साथ बार बार अस्पताल में भर्ती रहते है। लम्बे समय बाद इन्हे ऑपरेषन की आवष्यकता होती है जो काफी खर्चिला और जोखिम होता है।

ह्रदय रोग विषेशज्ञ डॉ. सीपी पुरोहित ने बताया कि डक्टस आर्टेरियेसस च्ंजमदज क्नबजने ।तजमतपवेने ;च्क्।द्ध एक रक्त वाहिका है जो रक्त को फेफडों के आसपास प्रवाहित करती है। यह प्राकृतिक रूप से जन्म के कुछ समय बाद बंद हो जाती है यदि यह बंद नहीं होती है तो इसे च्ंजमदज क्नबजने ।तजमतपवेने;च्क्।द्ध पीडिए कहते है जिसे दवाईयों द्वारा या ह्रदय सर्जरी की ठीक किया जाता ह। महत्वपूर्ण है कि ह्रदय में छेद कितना बडा है इस केस में पीडीए बडा होने के बावजूद समय पर पता चलने से केवल एक दवा से ही काफी कम खर्च में उपचार सफल रहा। पीडीए उपचार के बाद भविश्य में ह्रदय सम्बंधी कोई खतरा नहीं रहता ऐसे बच्चे सामान्य जीवन यापन करते है।

उल्लेखनिय है कि फोर्टिस जेके हॉस्पिटल में भामाषाह स्वास्थ्य योजना एव राश्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना के तहत ह्रदय रोग का उपचार निःषुल्क भी उपलब्ध है।

 

 


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