बाबा रामदेव जन्म स्थली मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर

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Published on : 19 Feb, 19 06:02

- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भोजनशाला का हुआ शिलान्यास

बाबा रामदेव जन्म स्थली मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर

 बाडमेर। जन जन के सामाजिक समरसता के प्रतिक लोक देवता बाबा रामदेव की जन्म स्थली रामदेरिया में नवनिर्मित भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर है। तैयारियों के साथ ही सोमवार को भामाशाहों के सानिध्य में श्रद्धालुओं के खान-पान के लिए भोजनशाला निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया।

                ट्रस्ट के उप सचिव ओमप्रकाश चंडक ने बताया कि सोमवार को श्रद्धालुओं के खान पान की सुविधा के लिए भोजनशाला निर्माण के लिए शिलान्यास समारोह संत मगनपुरी भियाड मठ, भामाशाह नवल किशोर गोदारा, समिति अध्यक्ष मगाराम चौधरी, काशमीर ग्राम पंचायत सरपंच बनाराम, सचिव खिंयाराम चौधरी, रावतराम, मोटाराम, गेनाराम, धुराराम, ओमप्रकाश, तिलोकाराम आदि सैकडों ग्रामीणों की उपस्थिति में रखा गया। शिलान्यास के साथ ही भोजनशाला का निर्माण भी प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि नवनिर्मित मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की रूपरेखा एवं तैयारी के लिए ट्रस्ट मंडल द्वारा २४ मार्च को दोपहर २ बजे मंदिर प्रांगण में बैठक रखी गई है। बैठक में प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मुहुर्त, रूपरेखा एवं कार्यक्रमों की व्यवस्था आदि के बारे में विचार विमर्श कर महोत्सव कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाना है। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव निमित विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए भामाशाह लाभ ले सकते है। इनमें जाजम बिछाने के लाभार्थी, मंच व पण्डाल के लाभार्थी, माईक व साउण्ड, लाईट व जनरेटर, आमंत्रण पत्रिका, प्रचार प्रसार सामग्री, मंदिर डेकोरेशन, पेयजल, चाय कॉफी दूध व्यवस्था, छह दिन सुबह शाम भोजन के अलग-अलग लाभार्थी, सातवे दिन महाप्रसादी के लाभार्थी, भोजनशाला के पांच पाण्डाल के लाभार्थी, यात्रियों के लिए टेंट रूम मय बाथरूम बनाने के लाभार्थी, सात दिन रात्रि जागरण, रोड के दानों साइड सजावट, मंदिर व पण्डज्ञल में फूलों की सजावट, हवन मंडप, झांकी व्यवस्थाएं, शोभायात्रा में रथ, हाथी, पांच घोडों, रामदेव जी के माता पिता की झांकी के लाभार्थी, बैण्ड बाजा व ढोल के लाभार्थी, शोभायात्रा में ड्रोन द्वारा पुष्प वर्षा के लाभार्थी, साफा-चुंदडी, मालाएं, तिलक, श्रीफल एवं मोमन्टो, संत महात्माओं को शॉल व भेंट दक्षिणा के लाभार्थी, हवन सामग्री के लाभार्थी, फोटोग्राफी व विडियोग्राफी के लाभार्थी, मंदिर में चार तिजोरी के लाभार्थी आदि व्यवस्थाओं के लिए भामाशाह भाग ले सकते है।


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