मंत्रमुग्ध करने वाले परफॉर्मेंसेस के साथ हुआ उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2019’ का आगाज

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Published on : 17 Feb, 19 11:02

मंत्रमुग्ध करने वाले परफॉर्मेंसेस के साथ हुआ उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2019’ का आगाज

उदयपुर। भारत में विश्व संगीत के सबसे बड़े समारोह, उदयपुर वल्र्ड  म्यूजिक फेस्टिवल की शुरुआत शनिवार से हुई। इजरायल एवं यमन के बेहतरीन कलाकार गुलाजा ने सीक्रेट वीमेन सॉन्ग्स गाकर अगले दो दिनों का माहौल बना दिया है। इस तीन दिवसीय फेस्टिवल में स्पेन, इटली, फ्रांस, क्यूबा, ब्राजील और भारत जैसे देशों के संगीतकार संगीत की विभिन्न विधाओं से दर्शकों को रूबरू कराएंगे। फेस्टिवल में हर साल 50,000 से ज्यादा लोगों के आने के साथ, यह फेस्टिवल समूचे विश्व के संगीत को खूबसूरती से बांधने में सफल रहा है। 

उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल के चौथे संस्करण की परिकल्पना एवं निर्माण सहर द्वारा किया गया है। इसे हिंदुस्तान जिंक, वंडर सीमेंट और राजस्थान टूरिज्म द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है। सुबह के सत्र में शशांक सुब्रह्मण्यम और ईरान के डेलगोचा ने अपनी प्रस्तुति दी। दोपहर के सत्र में जाने माने कव्वाल चांद अफजल और वाईवीईएस थेलियर ने अपनी प्रस्तुति दी। 

गुला$जा के बाद कार्श काले (भारत) की परफॉर्मेंस देखने को मिली जिन्होंने रॉक, फोक एवं भारतीय शास्त्रीय संगीत के शानदार संगम का प्रदर्शन किया। एल्स कैटरेस (स्पेन) ने सभी को आनंददायक मेडेटरेरियन पॉप से दीवाना बनाया। इस फेस्टिवल का आयोजन तीन खूबसूरत स्थानों (आमेटी हवेली, अंबराई घाट के आम्बेर, फतहसागर पाल और गांधी ग्राउंड) पर किया जा रहा है। 

सहर इंडिया के संस्थापक निदेशक संजीव भार्गव ने कहा कि हमें उदयपुर में वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल के चौथे संस्करण का आयोजन कर गर्व हो रहा है। यह देश में अकेला ऐसा मंच है जहां एक ही स्थान पर संगीत के अलग-अलग जोनर्स की पेशकश की जाती है। इसकी शुरूआत तीन साल पहले हुई थी, यह हर गुजरते साल के साथ और बड़ा एवं भव्य हुआ है। मुझे भरोसा है कि संगीतपे्रमी फेस्टिवल की जादुई यादों को अपने साथ लेकर जाएंगे। 

इस साल फेस्टिवल में विभिन्न कलाकारों के परफॉर्मेंस होंगे, जैसे कि विभा सराफ (भारत), अल्बालुना (पुर्तगाल), ला दामे ब्लांचे (क्यूबा-फ्रांस), नैटिग राइम्स ग्रुप (अजबेजन), एल्स कैटरेस (कैटालोनिया, स्पेन) व अन्य। ये सभी संगीत की विभिन्न विधाओं को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करेंगे और उन्हें मंत्रमुग्ध करेंगे।

सहर  के विषय में :

संजीव भार्गव द्वारा 1994 में स्थापित, सहर का शाब्दिक अर्थ है पौ फटना या भोर होना। अपनी स्थापना के बाद से ही सहर चित्रकला, मूर्तिकला, रंगमंच, नृत्य, संगीत, साहित्य और सिनेमा जगत में विचारशील और कल्पनाशील पहलों का पर्याय रहा है। सहर की स्थापना सांस्कृतिक रूप से अभिजात एक छोटे वर्ग के बजाय, भारतीय संस्कृति को बड़ी संख्या में लोगों तक ले जाने के विजन के साथ की गई थी। पिछले 15 वर्षों में, सहर प्रदर्शनकारी और दृश्य कला के क्षेत्र में सबसे ऊंची प्रतिष्ठा रखने वाले संगठनों में शुमार हो चुका है। प्रदर्शनों की विविधता के साथ ही उस असाधारण ढंग के लिए जिसमें हर किसी को ध्यान में रखा गया है। इसके आयोजनों की कई बार ऐतिहासिक, अभिनव और एकदम अलहदा कहकर तारीफ की गई है। 

इनमें प्राचीन स्मारकों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर जीवंत (लाइव) प्रदर्शन शामिल हैं। इनमें से कई तो भारत में पहली बार हुए और उन्होंने हजारों लोगों को आकर्षित किया है। इनके अलावा, सहर की कुछ प्रमुख पहलों में लंदन में ट्राफलगर स्क्वायर और रीजेंट स्ट्रीट पर इंडिया नाउ अभियान, अनन्या- शास्त्रीय नृत्य महोत्सव,  भक्ति उत्सव , दिल्ली जैज फेस्टिवल, साउथ एशियन बैंड्स फेस्टिवल, सार्क आर्टिस्ट कैंप और उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल सम्मिलित हैं। 

 


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