मानवता को उपहार भागवद् गीताःजीवन के आष्चर्यजनक रहस्यों की खोज

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Published on : 16 Feb, 19 05:02

गीता का ज्ञान इस जन्म और आने वाले जन्म को संवारता

मानवता को उपहार भागवद् गीताःजीवन के आष्चर्यजनक रहस्यों की खोज

उदयपुर। इस्कोन के मदन गोविन्दा दास (मुनीश नन्दवानी) श्रीमद्भागवत् गीता का ज्ञान पढनें से नहीं उसका अनुसरण करने से मिलता है। उसका ज्ञान मनुश्य के इस जन्म के साथ-साथ उसके आने वाले जन्म को भी संवारता है। इसलिये इस जन्म में जो भी कर्म करें सोच-समझ कर सकें क्योंकि उसका असर स्वयं के जीवन पर अवष्य पडता है।

वे आज रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा मानवता को उपहार भागवद् गीताःजीवन के आष्चर्यजनक रहस्यों की खोज विशयक वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गीता के कुछ सिद्धान्त है जिसका पालन करना होता है। गीता का पहला ज्ञान लाखों वर्श पूर्व सूर्यदेव को दिया गया था। जीवन में हमारी समस्याएं अर्जुन के समान है। स्वयं भगवान कृश्ण कहते है कि लाखों-करोडों में से १ व्यक्ति ही गीता के सार को समझ पाता है।

दास ने कहा कि मनुश्य को भगवान को तो मानता है लेकिन उसकी कहीं गई बातों को नहीं मानता है इसलिये वह प्रसन्न नहीं रह पाता है और प्रसन्नता प्राप्त करने के लिये भटकता रहता है और वह मिलती भी है तो सिर्फ गीता में। भगवान से जुडनें का अर्थ उसके द्वारा कहीं गई बातों को मानना है। खुषियंा मनुश्य के भीतर छिपी रहती है लेकिन वह उसे प्राप्त करने के लिये बाहर ढूंढता रहता है।

दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति संतोशी- दास ने कहा कि भागवद् गीता में कहा गया कि दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति संतोशी और गरीब व्यक्ति असंतोशी होता है। मनुश्य को अपने जीवन का लक्ष्य सोच-समझ कर निर्धारित करना चाहिये क्योंकि उसी पर उसके परिवार का जीवन टिका रहता है।

गीता में छिपे जीवन की सफलता के रहस्य- जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये ४ रहस्य गीता में छिपे हुए है। गीता में कहा गया है कि मनुश्य यदि आत्म संतुश्ट,स्थिर दिमाग,इन्दि्रयों पर नियंत्रण एवं कर्म को ध्यान में रख कर आगे बढेगा तो वह सफलता हासिल करेगा। गीता एक यूनिवर्सल साइंस है,इसे दुनिया में पढा जा रहा है लेकिन हमारें ही देष में इसको महत्व नहीं दिया जा रहा है।

इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष ओ.पी.सहलोत ने कहा कि हर व्यक्ति को गीता अवष्य पढ कर अपने जीवन को संवारना चाहिये। पदम दुगड ने मदन गोविन्दा दास का परिचय दिया। मुनीश गोयल ने दास को स्मृतिचिन्ह दिया। प्रारम्भ में श्रीमती स्नेहलता सहलोत ने ईष वंदना प्रस्तुत की। अंत में सचिव राकेष माहेष्वरी ने आभार ज्ञापित किया। वार्ता में रोटरी क्लब एलीट अध्यक्ष रमेष मोदी, सचिव अनीता जैन सहित अनेक सदस्य मौजूद थे।


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