डॉ. के.के.पारीख बने एपीआई राष्ट्रीय अध्यक्ष बने

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Published on : 15 Feb, 19 07:02

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल

डॉ. के.के.पारीख बने एपीआई राष्ट्रीय अध्यक्ष बने

कोटा|   एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस (एपीआई) की ओर से कोच्चि में 7 से 10 फरवरी तक 74वां वार्षिक एपिकॉन-2019 का आयोजन हुआ। सम्मेलन में वर्ष 2019-20 सत्र के लिए सीनियर फिजिशिन्स डॉ. केके पारीक को एपीआई का राष्ट्रीय अध्यक्ष व डॉ. जीडी रामचंदानी को राष्ट्रीय सहसचिव बनाया गया। 60 साल बाद पहली बार हाड़ौती से किसी सीनियर फिजिशिन्स को यह मौका मिला है। इससे पहले 1961 में राजस्थान से डॉ. आरएम कासलीवाल एपीआई अध्यक्ष बने थे।               सम्मेलन में विभिन्न देशों से आए 40 और भारत के 10 हजार फिजिशियन्स ने भाग लिया। सम्मेलन की थीम 'ब्लैंडिंग रिसर्च एण्ड क्लिनिकल प्रेक् रही।

         डॉ. पारीक ने कहा कि आज के समय में कुछ कारणों के चलते डॉक्टर-मरीज के बीच बेहतर संवाद व रिश्ता नहीं बन पा रहा है। इसके लिए प्रयास करेंगे। इसके अलावा जिन परिस्थितियों और व्यावसायिक खतरों के बीच मेडिकल क्षेत्र से जुड़े सभी प्रोफेशनल्स कार्य करते हैं, उस पर ध्यान देना हमारी प्राथमिकता होगी। उनकी सुरक्षा के बारे में कानून लाने का प्रयास किया जाएगा। कुछ बीमारियों की अब तक कोई गाइडलाइन नहीं है। उनके लिए भी प्रयास करेंगे।

        डॉ. गिरीश माथुर ने बताया कि सम्मेलन में मधुमेह, एंटीबायोटिक ड्रग्स, इंफेक्शन, हाइपरटेशन, गठिया, न्यूरोलॉजिकल रोग, स्वाइन फ्लू, हेपेटाइटिस, टीबी समेत अनुसंधान और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे महत्वपूर्ण विकास पर 580 आलेख व 10 कार्यशालाएं आयोजित की गई। इसके अलावा रेजिडेंस की ओर से 600 पोस्टर्स व 400 ऑरल प्रजेंटेशन्स दिए गए।

          सम्मेलन में तीन वोल्यूम में प्रकाशित पुस्तक मेडिसिन अपडेट रहा। जिसमें 2019 तक पूरे देश व विदेशों में विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल हो रही दवाइयों व अनुसंधान के परिणाम वाले लेख व जानकारियां है। सम्मेलन में इंडियन कॉलेज ऑफ फिजिशियंस के वाइस डीन डॉ. गिरीश माथुर ने उच्च रक्तचाप को लेकर कार्ययोजना की जरूरत बताई।


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