साध्वीवृन्द के आध्यात्मिक मिलन से श्रावक भाव विभोर

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Published on : 15 Feb, 19 05:02

साध्वीवृन्द के आध्यात्मिक मिलन से श्रावक भाव विभोर

उदयपुर । तेरापंथ धर्मसंघ के संगठन की मिसाल दी जाती है। यहां अनुशासन के साथ आत्मानुशासन की सीख मिलती है। संत सतियों का मिलन भी कल्याणकारी होता है।

ये विचार साध्वी कुन्दनप्रभा ने सोमवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में तीन दिवसीय मर्यादा महोत्सव के दूसरे दिन व्यक्त किये। यहां शासन श्री साध्वी गुणमाला ने साध्वी कुन्दनप्रभा आदि ठाणा ५ का स्वागत किया। दोनों के आध्यात्मिक मिलन को देखकर श्रावक- श्राविकाएं भाव विभोर हो गए।

उन्होंने कहा कि पहले के युग में कोई आये तो खाना खाने का भाव था लेकिन अब कोई जाए तो खाना खाने का भाव रहता है। आज भी तेरापंथ धर्मसंघ में अपने से छोटों को उतना ही महत्व है जैसा पहले था। आज का दिन ऐतिहासिक है जब नौ साध्वियों का यहां मिलन हुआ और स्वतः उत्सव बन जाता है। नौ का अपने आप में बडा महत्व है। इस संगठन में अपने से छोटों को भी उतना ही महत्व दिया जाता है जितना बडों को। साध्वीवृन्दों ने प्रमोद गीत से प्रस्तुति दी जिसमें बताया कि बडी बहन के घर छोटी बहन का आना हुआ है। सभा भवन में हंसों की टोली आयी सी प्रतीत हो रही है।

साध्वी गुणमाला ने कहा कि मर्यादा का महोत्सव सिर्फ तेरापंथ में ही मनाया जाता है और कहीं नहीं। आज दो महत्वपूर्ण प्रसंग मर्यादा महोत्सव और आध्यात्मिक मिलन हैं। अतिथि कोई भी हो, आगमन खुशियां ही देता है।

सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम मंगलवार को होगा जिसमें धर्मसंघ के शहर में विराजित सभी साधु-साध्वीवृन्द मुनि धर्मेश कुमार, साध्वी गुणमाला, साध्वी कुन्दनप्रभा सहित करीब १२ संत-सतियों का सान्निध्य प्राप्त होगा।

मेहता ने बताया कि मर्यादा महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में कोयम्बटूर में होगा जिसके सीधा प्रसारण ११ और १२ फरवरी को पारस चौनल पर किया जाएगा।


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