बाडमेर। जनसेवक पूर्व विधायक चंपालाल बांठिया की ८६वीं जन्म जयंती एवं ततीय पुण्यतिथि के अवसर पर चंपालाल बांठिया चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से रविवार को आयोजित संस्तुति एवं समर्पण समारोह में बाडमेर के सेवानिवृत अधीक्षण अभियंता ओमप्रकाश चंडक को प्रशस्ति पत्र, श्रीफल, शॉल भेंट कर सम्मान राज्य के प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघ चालक पुरूषोतम परांजपे, राजस्थान भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक सतीश पुनिया, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र गहलोत, संस्था अध्यक्ष गणपत बांठिया आदि उपस्थित रहे। गौरतलब है कि ओम प्रकाष चंडक, सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियन्ता का जन्म २४ जुलाई १९५३ को बाडमेर जिले की पंचायत समिति बायतु के ग्राम बाटाडू में श्री सोहनराज चण्डक एवं श्रीमती मांगी देवी चण्डक के परिवार में हुआ। बचपन से ही आप बहूमुखी प्रतिभा के धनी थे। आपकी प्रारंभिक षिक्षा गांव में ही हुई। आपने वर्श १९६५ में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, स्टेशन रोड बाडमेर में सैकण्डरी की षिक्षा ग्रहण की। इसी वर्श आप राश्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सम्फ में आए। इस दौरान आपने बाल एवं तरूण स्वंयसेवक के रूप में विभिन्न षाखाओं में भिन्न भिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। आपने वर्श १९६५ व १९७१ में भारत पाक युद्ध के दौरान तरूण स्वंयसेवक के रूप में राश्ट्र सेवा के यज्ञ में अपना योगदान दिया। आपने वर्श १९७१ में मगनी राम बांगड इंजिनियरिंग महाविद्यालय, जोधपुर में प्रवेष लिया। अभियांत्रिकीय संकाय में अध्ययन के साथ अपने नेतृत्व कौषल का परिचय देते हुए संघ कार्य के तथा अखिल भारतीय विधार्थी परिशद के प्रान्त स्तर के प्रदेष सचिव का दायित्व बखूबी निर्वहन किया। इसी दौरान आप एम. बी. एम. इंजिनियरिंग कॉलेज में महासचिव के पद पर सुषोभित हुए तथा राश्टी्रय स्वंयसेवक संघ की भाग स्तर की जिम्मेदारी भी निभाई।
वर्श १९७५ में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा देषभर में लागु किये गये आपातकाल के दौरान आपने भूमिगत रहकर केन्द्रीय नेताओं को संघर्श में सकि्रय सहयोग किया। केन्द्रीय नेताओं के आव्हृान पर आप जोधपुर केन्द्रीय कारागृह में रहे। जेल में रहते हुए आपने इंजिनियरिंग की चतुर्थ वर्श की परीक्षाएं भी तथा परीक्षा में जीवन में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया।
०४ अप्रेल १९७८ को आप राजस्थान राज्य वद्यत मण्डल में कनिश्ठ अभियन्ता के पद पर चयनित हुए। इसके बाद आपने कभी भी पीछे मुडकर नहीं देखा। अपनी कार्य - कुषलता एवं निर्णय क्षमता के चलते आप वर्श १९८२ में सहायक अभियन्ता, वर्श २००२ में अधिषाशी अभियन्ता पद पर पदोन्नत होते हुए वर्श २०१० में अधीक्षण अभियन्ता के पद से सेवानिवृत हुए। राजकीय सेवा में रहते हुए उपखण्ड, खण्ड एवं जिला स्तर पर उल्लेखनीय एवं अनुकरणीय सेवाओं के लिए आपको जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया।
१९ जुलाई २००७ को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधराराजे सिंधिया ने अजमेर में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में आपको उर्जा चक्र एवं प्रषस्ति पत्र प्रदान कर आपकी लोक सेवाओं की राज्य स्तर पर प्रषंसा एवं सम्मान किया।
राजकीय सेवा के साथ आप संघ की विभिन्न जिम्मेदारियों एवं विभाग सम्फ प्रमुख के दायित्व पर रहे। राश्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की योजना से भारत विकास परिशद, सीमा जन कल्याण समिति में सीमा क्षेत्र में अलग-अलग दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
वर्श १९६५ में आपने बाडमेर जिला मुख्यालय पर कार्यरत सेवारत कर्मचारियों के आवास की विकट समस्या के समाधान के लिए मालाणी गृह निर्माण सहकारी समिति का गठन किया तथा उक्त समिति द्वारा जिला मुख्यालय पर ०२ बडी कॉलोनियां बसाकर करीब ५०० से अधिक कर्मचारियों की आवास समस्या का स्थाई निदान कर दिया। आप एक दषक से अधिक समय तक इस समिति के अध्यक्ष के पद पर रहे।
बाडमेर जिले की षिव तहसील में लोक देवता बाबा रामदेव अवतार धाम स्थल पर भव्य मंदिर निर्माण कार्य में आप प्रमुख सहयोगी हैं। करीब १५ करोड की लागत से निर्माणाधीन रामदेव मंदिर का कार्य सतत् प्रगति पर है जिसमें आपकी महत्ति भुमिका को नजर अंदाज नही किया जा सकता।
गो-सेवा के क्षेत्र में आफ कृतित्व को सदैव याद किया जाएगा। आप वर्श १९९८ से गोपाल गोषाला, बाडमेर के संस्थापक ट्रस्टी के साथ विभिन्न दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। गोपाल गौषाला राजस्थान राज्य की उच्च गौषाला के रूप में जानी जाती है, जिसे राज्य एवं जिला स्तर पर कुषल प्रबंधन के लिए सम्मान प्राप्त है।
आपकी देख रेख में सीमावर्ती गांवों में समरसता का भाव जागृत करने की दृश्टि से पिछडे वर्ग के ग्राम्य जनजीवन के षैक्षणिक स्तर तथा जीवन स्तर सुधार के लिए सीमा जन कल्याण समिति द्वारा संचालित ०६ छात्रावासों को सफलता पूर्वक संचालन करवाया जा रहा है। आप सीमा जन कल्याण समिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएंं प्रदान कर रहे हैं।
श्री ओमप्रकाष चण्डक, माहेष्वरी पंचायत, बाडमेर के संरक्षक के रूप में जिले के महेष्वरी समाज के उन्नयन एवं विकास में पिछले ३०-३५ वर्शो से अनवरत प्रयासरत है।
मृदुभाशी, मिलनसार, सौम्य व्यक्तित्व के धनी, कुषल संगठक एवं प्रषासक श्री ओम प्रकाष चण्डक को उनकी लोक सेवा, धार्मिक सेवा व सामाजिक सेवा के पुनित कार्यों के लिए यह सम्मान प्रदान कर सम्मानित किया जा रहा है।