स्थाई लोक अदालत ने दिये महत्वपूर्ण आदेश

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Published on : 02 Feb, 19 04:02

स्थाई लोक अदालत ने दिये महत्वपूर्ण आदेश

प्रतापगढ    जिला स्थाई लोक अदालत अध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) की अध्यक्षता में सदस्यण अधिवक्ता अजय कुमार पिछोलिया एवं देवेन्द्र कुमार अहिवासी द्वारा आयोजित बैठक में प्रस्तुत विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश प्रदान किये गये।

          स्थाई लोक अदालत के सदस्यगण अधिवक्ता अजय कुमार पिछोलिया एवं देवेन्द्र अहिवासी से प्राप्त जानकारी अनुसार २४.०१.२०१९ गुरूवार को स्थाई लोक अदालत की बैठक में प्रार्थी तेजपालसिंह राठौड द्वारा प्रस्तुत जन उपयोगी प्रकरण संख्या २०/२०१८ श्री तेजपालसिंह राठौड बनाम मुख्य चिकित्सा अधिकारी वगैरह में सुनवाई हुई। प्रकरण अनुसार प्रतापगढ जिला एवं सत्र न्यायालय तथा अधिनस्थ क्षेत्राधिकार में स्थित न्यायालयों अरनोद, पीपलखट, छोटीसादडी और धरियावद में होने वाली मारपीट एवं लडाई झगडे की घटनाओ तथा अपराध से पीडत पक्षकार/मजरूहान जो कि घटना होने के पश्चात अपना ईलाज कराने एवं मारपीट एवं घटना में आई चोंटों का चिकित्सकीय परीक्षण करवाना आवश्यक है।

  प्रार्थी ने अपने परिवाद में यह भी वर्णित किया है कि पीडित व्यक्ति ईलाज कराने किसी भी निकटस्थ सरकारी अस्पताल में ईलाज कराने जाता है तथा घटना में आई चोटों का चोंट प्रतिवेदन संबंधित चिकित्सा अधिकारी से निवेदन करता है, लेकिन उसका चोंट प्रतिवेदन संबंधित चिकित्सा अधिकारी द्वारा यह कहकर इन्कार कर दिया जाता है कि संबंधित थाना क्षेत्र के थानाधिकारी अथवा अनुसंधान अधिकारी से इस बाबत तहरीर लाने पर ही चोंट प्रतिवेदन बनाया जाता है। तथा कईजगह चिकित्सा अधिकारी/मेडिकल ज्यूरिस्ट की अनुपलब्धता बताकर चोंट प्रतिवेदन बनाने से इन्कार कर दिया जाता है।

      स्थाई लोक अदालत ने यह माना की यह स्पष्ट रूप से पीडित के अधिकारों के हनन का मामला है ऐसी स्थिति में पीडिता को न्याय नहीं मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

स्थाई लोक अदालत ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि केवल पुलिस तहरीर पर ही चोंट प्रतिवेदन बनाया जावेतथा पीडित जिस थाना क्षेत्र में निवास करता हो उससे भिन्न थानाक्षेत्र में स्थित चिकित्साधिकारी केसमक्ष उपस्थित होकर अपना पर चोंट प्रतिवेदन नहीं बना सके एवं संबंधित चिकित्साधिकारी चोंट प्रतिवेदन बनाने से इन्कार कर दे। पीडित का स्वयं का यह अधिकार है कि वह स्वयं के आवेदन पर चोंट प्रतिवेदन बनाने हेतु संबंधित मेडिकल ज्यूरिस्ट से निवेदन करेगा तथा उसके अनुपस्थित होने की दशा में उस क्षेत्र का उच्च चिकित्साधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं प्रमुख चिकित्साधिकारी, लिंक मेडिकल ज्यूरिस्ट बाबत निर्देश जारी करेगा। ताकि कोई भी पीडत चोंट प्रतिवेदन बनवाने से अथवा न्याय प्राप्ति से वंचित नही हो।

          प्रार्थी का प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाकर स्थाई अदालत ने यह आदेश दिया कि जिले में स्थित कोई भी चिकित्साधिकारी पीडित के आग्रह पर चोंट प्रतिवेदन तथा अन्य एक्सरे आदि की कार्यवाहियां करने से इन्कार नहीं करेगा, चाहे पीडित जिले में स्थित किसी भी स्थान का निवासी हो और घटना भी जिले में किसी भी स्थान पर घटित हुई हो, तथा ना ही चोंट प्रतिवेदन बनाने हेतु किसी भी पुलिस अथवा अन्य तहरीर की मांग ही करेगा। इस आदेश की एक-एक प्रति पालना हेतु विपक्षीगण एवं जिला पुलिस अधीक्षक तथा प्रमुख चिकित्साधिकारी जिला चिकित्सालय प्रतापगढ को पालना हेतु भेजी जावे।


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