राष्ट्रीय पर्व छोटे बच्चों को भी स्कूल में शामिल करने की मांग ५५ संगठन हुए लामबन्द

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Published on : 21 Jan, 19 11:01

राष्ट्रीय पर्व छोटे बच्चों को भी स्कूल में शामिल करने की मांग  ५५ संगठन हुए लामबन्द

राष्ट्रीय पर्व संरक्षण समिति के तत्वावधान में जिला कलक्टर आनन्दी को समिति के संयोजक डॉ. जिनेन्द्र शास्त्री के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया। जिसमें ५५ संगठनों ने भागीदारी निभाई।

डॉ. शास्त्री ने कहा कि क्या देश के प्रति राष्ट्रीयता ६ कक्षा के बाद उत्पन्न होती है?क्या राष्ट्रीयता के संस्कार बाल मन से क्यों नहीं देना चाहिये? अर्थात् नौनिहाल बच्चों को राष्ट्रीयता की भावना, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्र गान याद कराने चाहिये। बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में राष्ट्रीय पर्व में शामिल नहीं करता कहीं विदेशी ताकतों की साजिश तो नहीं है।

कौन कौन प्रमुख पदाधिकारी थे शामिल - रविकांत त्रिपाठी, कमलेन्द्र सिंह पंवार, मनीष मेहता,गजेन्द्र आचार्य, ईरशाद चैनवाला, रामजी वार्ष्णेय, अशोक जैन, चंचल कुमार अग्रवाल, प्रकाश अग्रवाल, डॉ. विक्रम मेनारिया, प्रदीप श्रीमाली, नरेश शर्मा, राजराजेश्वर जैन, जिनेन्द्र विरदावत, ऋषभ कुमार जैन अफजल हुसैन, हरिश रेगर, हेमन्त माली, एडवोकेट अनिल पालीवाल, यशपाल नागदा, रमेश चन्द्र अग्रवाल, नृपेन्द्र जैन, सुनिल कालरा, अख्तर अली सिद्धीकी, रमेश चन्द्र अग्रवाल, सुधीर चावत,सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कौन कौन से संगठन थे शामिल - हिन्दु जागरण मंच, विश्व हिन्दू परिषद्, अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन, बजरंग सेना, शिवदल मेवाड, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, शूलधारिणीसेना, भारत विकास परिषद्, वात्सल्य सेवा समिति, कथा आयोजन समिति, सनातन मंच, संस्कृत संभाषण प्रकोष्ठ, प्रणव फाउण्डेशन, वन्य जीव संरक्षण सोसायटी, टेन्ट एसोसिएशन, राजस्थान वक्फ बार्ड, मां आशापुरा संस्थान, अखिल भारतीय सिंधी समाज, उदयपुर पेट्रोलियम डिलर्स एसोएशन, दी उदयपुर ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन सहित कई संगठन उपस्थित थे।

क्या है मांग -

१. प्राईवेट स्कूल के एलकेजी से पांचवी तक की कक्षा के बच्चों को भी राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस में भागीदारी कराई जाए जिससे देशभक्तिपूर्ण प्रस्तुतियों से बच्चों में भी राष्ट्रप्रेम की भावना जाग सकें।

२. राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर कुछ वर्षो पूर्व सरकारी व प्राईवेट सभी स्कूलों में मिठाई व नमकीन वितरण किया जाता था लेकिन हाल ही में टोफियां देकर इतिश्री कर दी जाती है।

३. प्राईवेट स्कूल राष्ट्रीय दिवसों पर भले कुछ ही देर के लिए बच्चों को विद्यालय बुलाकर उन्हें शहीदों की कहानियां, गीत एवं नाटक के माध्यम से राष्ट्रीयता की भावना उत्पन्न की जावें।

४. डॉ. शास्त्री सहित सभी संगठनों ने कहा कि यदि इसे लागू नहीं किया तो वृहद स्तर पर आन्दोलन किया जावेगा।

 

 


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