बांसवाड़ा, जिले के युवा विविध क्षेत्रों मंे अपनी कौशल को दिखा रहे हैं, एक ऐसे ही युवा है तनिष्क शर्मा जो 18 जनवरी से भारत के सबसे दुर्गम और साहसिक बर्फिले ट्रेक लेह-लद्ख में स्थित ‘चादर ट्रेक’ की चढ़ाई करेंगे।
बांसवाड़ा जिला मुख्यालय से 2 हजार किलोमीटर की दूरी पर भारत के चुनिंदा सबसे साहसिक ट्रेकिंग रूट्स में से एक ’चादर ट्रेक’ पर चढ़ाई की शुरुवात 18 जनवरी से होगी। इस ट्रेक पर चढ़ाई के लिए अहमदाबाद के अपने छः अन्य साथियों के साथ जाने वाले शहर के घंटाघर निवासी युगल शर्मा के पुत्र तनिष्क शर्मा ने बताया कि चादर ट्रेक समुद्र तल से लगभग 11 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर है। यहां का दिन का तापमान -25 डिग्री सेंटीग्रेट से -35 डिग्री सेंटीग्रेट से भी कम हो जाता है। शर्मा ने बताया की इस ट्रेकिंग दौरान आधुनिक विंटर गेयर्स एवं डाइटिंग का खास धयान रखा जायेगा। लगभग 80 किलोमीटर का यह पूरा ट्रैकिंग रूट दस दिनों मंे पूरा किया जाएगा। इसके तहत रोजाना 8 से लेकर 15 किमी की दूरी पर जमी हुई जंसकार नदी पर पैदल चलकर तय की जाएगी। यह साहसिक यात्रा 27 जनवरी को सम्पन होगी।
की है कुछ खास तैयारी:
ट्रेकिंग दौरान रात्रि भी इसी ट्रेक पर कड़कती ठण्ड के बीच गुजारी जाएगी। उन्होंने बताया कि सावधानी ना बरते तो इस ट्रेक में जान का खतरा भी हो सकता है। इस ट्रेक पर हाल ही मे भारतीय वायु सेना द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया था। यहां की कठिनाईयों और चुनौतियों को देखते हुए उन्होंने 3 माह पूर्व से ही खान-पान, चढ़ाई इत्यादि के साथ फिजिकल ट्रेनिंग प्रारंभ कर ली थी। उन्होंने बताया कि पहाड़ों के बीच यह पूरा बर्फीला सफर काफी रोमांचक एहसास दिलाता है।
यह है उद्देश्य:
अपने इस साहसिक अभियान के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर तनिष्क ने बताया कि भारत के कठिनतम सर्द क्षेत्रों को एक्सप्लोर करने के साथ वहां की संस्कृति को जानना है। साथ ही हिम तेंदुएं को देखना भी इस यात्रा का दूसरा उद्देश्य होगा। उन्होंने बताया कि माइनस डिग्री के तापमान मे ट्रैकिंग का पहला एक्सपीरियंस होगा।