‘एक्सप्लोरिंग बर्ड्स इन बांसवाड़ा’

( 22698 बार पढ़ी गयी)
Published on : 14 Jan, 19 04:01

परिंदों की जलक्रीड़ाओं को देखने के साथ संरक्षण के लिए की समझाईश

‘एक्सप्लोरिंग बर्ड्स इन बांसवाड़ा’

बांसवाड़ा,  जिले की समृद्ध नैसर्गिक संपदा में पाए जाने वाले स्थानीय और प्रवासी परिंदों की जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने और इसके माध्यम से बांसवाड़ा को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की दृष्टि से जिला पर्यटन उन्नयन समिति व वागड़ नेचर क्लब के ‘एक्सप्लोरिंग बर्ड्स इन बांसवाड़ा’ कार्यक्रम के तहत जयपुर रोड़ पर हरोडेम, भेमखोर डेम तथा डूंगरिया तालाब पर बर्डवॉचिंग की गई और पक्षियों से संबंधित जानकारियां संकलित की। 
बर्डवॉचिंग दौरान क्लब के वरिष्ठ सदस्य व वाईल्डलाईफ फोटोग्राफर दिनेश जैन, जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, पक्षीप्रेमी व फोटोग्राफर भरत कंसारा, विक्रमसिंह, भंवरलाल गर्ग के दल ने आज दिनभर बर्डवॉचिंग के साथ पक्षियों के बारे में जानकारियां संकलित की। सभी जलाशयों पर हजारों की संख्या में पक्षियों की जलक्रीड़ाएं देखकर दल सदस्य अभिभूत नज़र आए। इसके साथ ही इन स्थानों पर पाई जाने वाली प्रजातियों की फोटोग्राफी भी की गई। 
किसान मित्र हैं पक्षी, जितना खाते हैं उससे कई गुना ज्यादा उत्पादन में देते हैं मदद:
बर्डवॉचिंग करने पहुंचे सदस्यों ने विश्व में उड़ने वाले सबसे बड़े पक्षी के रूप में प्रसिद्ध सारस क्रेन के जलाशयों और आसपास के खेतों मे विचरण को देखा तथा इनके संरक्षण के लिए मौजूद ग्रामीणों से समझाईश की। हरोडेम और डूंगरिया तालाब में देखे गए सारस के दो जोड़ों के साथ उनके चिक्स को देखकर दल ने खुशी  जताई और ग्रामीणों से इनकी गतिविधियों, आवास व प्रवास के बारे में पूछा। ग्रामीणों ने इनकी दो अन्य जोड़ों के भी यहां पर विचरण करने के बारे में बताया जिस पर दल सदस्यों ने कहा कि सारस सामाजिक प्राणी है और ये इनके साथ ही समस्त पक्षी किसान के मित्र हैं और ये किसी भी रूप में किसानों के लिए हानिकारक नहीं है। इस दौरान ग्रामीणों को अवगत कराया गया कि पक्षी आमतौर पर खेतों की मिट्टी व पानी में पाए कीडे़े खाते हैं और कुछ पक्षी अनाज़ के दाने या फसल की पत्तियों को खाते भी हैं वे अपनी बीट के माध्यम से उस खेत में कई गुना ज्यादा उत्पादन में भी मदद करते हैं। दल सदस्यों ने इन पक्षियों को क्षति नहीं पहुंचाने और इनके खेतों में विचरण को बाधित नहीं करने का भी आह्वान किया। 
इन पक्षियों को भी देखा: 
दल सदस्यों ने अपने भ्रमण दौरान प्रवासी पक्षी नॉदर्न शॉवलर, गेडवाल, वेगटेल, ब्लू थ्रोट, विज़न, पिनटेल इत्यादि के साथ स्थानीय पक्षी रिवर टर्न, परपल हेरोन, पेंटेड स्टॉर्क्स, स्पूनबिल स्टॉर्क्स, वूली नेक्ड स्टॉर्क्स, कॉम्ब डक, स्पॉटबिल डक, कॉटन पिग्मी गूज, आईबिस, ग्रीन बी ईटर इत्यादि की बड़ी संख्या में उपस्थिति भी दर्ज की। 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.