सजावटी बागवानी पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य उद्घाटन

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Published on : 12 Jan, 19 04:01

सजावटी बागवानी पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य उद्घाटन

उदयपुर । महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक अनुसंधान निदेशालय द्वारा दिनांक ११ से १३ जनवरी २०१९ के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिये सजावटी (अलंकारिक) बागवानी पर आयोजित तीन दिवसी राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन समारोह पूर्वक राजस्थान कृषि महाविद्यालय के नूतन सभागार में आज सम्पन्न हुआ।

 

कार्यक्रम सचिव डॉ. एल. एन. महावर, प्राध्यापक उद्यान विज्ञान विभाग ने बताया कि यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन एमपीयूएटी, उदयपुर, भारतीय ऑर्नेमेन्टल हॉट्रीकल्चर सोसायटी, नई दिल्ली, उद्यान निदेशालय, राजस्थान सरकार, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों के २०० उद्यान वैज्ञानिक, अनुसंधान छात्र व कृषक भागले रहे हैं। समारोह के प्र्रारम्भ मे अनुसंधान निदेशक डा.ॅ अभय कुमार महता ने अतिथियों का स्वागत किया।

 

उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि श्री भवानी सिंह देथा, आईएएस, संभागीय आयुक्त, उदयपुर ने कहा कि कृषि में अनेक चुनोतियाँ हैं परंतु हमारे कृषि व उद्यानिकी वैज्ञानिकों के सहयोग से अधिक उत्पादन व लाभ प्राप्त करने की जरूरत है। उन्होंने प्रदेश में उद्यानिकी व अलंकृत उद्यानिकी की अनेक संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए सीकर, जयपुर, झालावाड के साथ ही जनजाति प्रमुख जिलों उदयपुर, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ व चित्तौडगढ इत्यादि में उद्यानिकी व फूलों की खेती के विकास की बात कही।

 

विशिष्ट अतिथि डॉ. एच.पी. सिंह, भूतपूर्व उपमहानिदेशक (उद्यान विज्ञान) व अघ्यक्ष इण्डियन सोसायटी ऑफ हॉर्टीकल्चर) नई दिल्ली ने अपने उद्बोधन में कहा कि उद्यानिकी राजा महाराजा के संरक्षण में फलीभूत हुआ था परंतु आज यह देश के किसानों की आय को दो गुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होने फल पुष्प एवं शाक सब्जियों का उत्पादन बढाने, मूल्य संवर्धन, विपणन श्रृंखला बनाने और शहरी प्रदूषण के निराकरण व सौन्दर्य कारण में उद्यानिकी की महत्वपूर्ण भूमिका की बात कही।

 

डॉ. एस. के. मल्होत्रा, कृषि आयुक्त (कृषि सहकारी मंत्रालय) भारत सरकार, नई दिल्ली ने भारतीय ऑर्नामेंटल हॉर्टिकल्चर सोसाइटी की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने फूड सेफ्टी, प्लांट सेफ्टी, मूल्यवान फसलों को वैश्वक मांग के मद्देनजर उद्यानिकी फसलों में गुणवत्ता बढाने की बात कही।

 

डॉ. आर. के. थानवी, मख्य प्रबन्धक नाबार्ड राजस्थान ने कहा कि गांवो में अलंकृत उद्यानिकी की अनेक संभावनायें हैं। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से नवाचार बढाने गुलकंद, उत्पादन पुष्प उत्पादन और कृषकों व महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता में नाबार्ड के सहयोग की बात कही।

 

समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो. उमाशंकर शर्मा, कुलपति एमपीयूएटी ने अपने उद्बोधन में कहा कि फसल विविधीकरण व आय के नए स्त्रोत ढूंढने की दिशा मे उद्यानिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि किसानों की आय को वर्ष २०२२ तक दो गुना करने की केंद्र सरकार की महती योजना में एमपीयूएटी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे द्वारा प्रस्तावित बिन्दुओ को राष्ट्रीय कृषि नीति में स्थान दिया गया है। उन्होंने बताया कि एमपीयूएटी के कार्यक्षेत्र में चित्तोडगढ से नीमच तक ६०० हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में प्रताप पंखुडी के नाम से गुलाब की खेती को बढावा देने के लिए कृषक उत्पादक कंपनियों की स्थापना की ग* है जिन्हें प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा* जायेगी जिससे  गुलकंद, गुलाबजल, अर्क, इत्र, कट-फ्लावर इत्यादि का उत्पादन होगा और किसानों की आय बढेगी।

 

इस अवसर पर ख्यातनाम उद्यानिकी वैज्ञानिको को उनके उल्लेखनीय योगदान की दृष्टि से सोसाइटी की फेलोशिप प्रदान की ग*। राष्टी्रय पुष्प विज्ञान अनुसंधान निदेशालय पुणे के निदेशक डॉ. क.े वी. प्रसाद को उत्कृष्ठ सेवाओं के लिऐ सर्वोच्च लोटस पुरस्कार से सम्मानित किया गया व अनेक वैज्ञानिको को उनके शोध ग्रंथ एवं शोध पत्रों के लिए भी सम्मानित किया गया। समारोह मे चित्तौडगढ के प्रगतिशील कृषक को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों ने शोध पत्रों की सारांश पुस्तक,सोवेनीयर व सोसायटी द्वारा प्रकाशित जर्नल के दिसम्बर अंक का विमोचन भी किया गया।

 

राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम दिन जैव संसाधन,  संरक्षण, प्रबंधन व  उपयोग तथा सजावटी बागवानी में कौशल विकास विकास पर दो  सत्रों का आयोजन किया जिसमें उद्यान वैज्ञानिकों और अनुसंधान छात्रों ने अपने-अपने अनुसंधान पत्रों का वाचन किया।

उद्धाटन समारोह में डॉ. निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सरला महेश्वरी, वित्त नियंत्रक डॉ. कुमुदिनी चांवरिया, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ. एस के शर्मा, अधिष्ठाता डॉ. एस. एल धाकड, डॉ. अरूणाभ जोशी, डॉ. रितु सिंघवी, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. सुबोध शर्मा, डॉ. गोपाल निदेशक एनआरसी, अजमेर, प्रभारी आदर्श ग्राम डॉ. आई जे माथुर, ओएसडी डॉ. जी.एस. चौहान, एमीरेटस डॉ. स्वामीनाथन, विभागाध्यक्ष उद्यानिकी डॉ. एस.एस. लखावत, अनेक वैज्ञानिक कृषक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुभाष मीना सह प्राध्यापक ने किया तथा धन्यवाद की रस्म कायक्रम सचिव डॉ. एल. एन. महावर, प्राध्यापक) उद्यान विज्ञान विभाग, आर.सी.ए. ने अदा की।


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