उदयपुर: कृषि अनुसंधान उप-केंद्र, वल्लभनगर में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना “दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र के किसानों के लिए आर्थिक रूप से सुदृढ़ कृषि प्रणालियों का प्रचार-प्रसार एवं विकास” के अंतर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम “समन्वितकृषि प्रणाली में पशुधन प्रबंधन तथा फल एवं सब्जियों का आर्थिक महत्व” विषय परदिनांक09 जनवरी 2019 (बुधवार)को आयोजित किया गया | जिसमें परियोजना के अंतर्गत चयनित गावों सियाखेडी,गुमानपुरा, उदाखेडा, पेमाखेडा, बड़वईएवं जोयड़ा से करीब 80 किसानों ने प्रशिक्षण में भाग लिया| डॉ. हरी सिंह ने बताया कि यह परियोजना पिछले दो सालों से किसानों के लिए कृषि के अंतर्गतविभिन्न उन्नततकनीकोंसे किसानों की आय व रोजगार में वृद्धि करने के लिए काम कर रही है | प्रशिक्षणमें डॉ. एम. एल. गुर्जर ने किसानों को पशुओं के लिए संतुलित आहार बनाने के बारे में जानकारी दी | डॉ. सुनील कुमार नेकिसानों को पशुओं में होने वाली मौसमी बीमारियों का उपचार एवं टीकाकरण से सम्बंधित जानकारी दी | डॉ. विरेन्द्र गुर्जर ने किसानों को बताया कि किसान समन्वित कृषि प्रणाली से कम से कम खर्चे में फल एवं सब्जियों का उत्पादन कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं | अंत में सभी किसानों को विश्वविद्यालय का कृषि कलेण्डर-2019 का वितरण किया गया |