स्थाई लोक अदालत ने पी० डब्ल्यू० डी० को दिये निर्देश

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Published on : 04 Jan, 19 04:01

स्थाई लोक अदालत ने पी० डब्ल्यू० डी० को दिये निर्देश प्रतापगढ/ जिला स्थाई लोक अदालत अध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) की अध्यक्षता में सदस्यण अधिवक्ताअजय कुमार पिछोलिया एवं देवेन्द्र कुमार अहिवासी द्वारा आयोजित आज की बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के विरूद्ध प्रस्तुत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश प्रदान किये गये।
स्थाई लोक अदालत के सदस्यगण अधिवक्ता अजय कुमार पिछोलिया एवं देवेन्द्र अहिवासी से प्राप्त जानकारी अनुसार गुरूवार को स्थाई लोक अदालत की बैठक में जन उपयोगी प्रकरण संख्या ३६/२०१८ रमेशचन्द्र शर्मा बनाम सार्वजनिक निर्माण विभाग प्रतापगढ में सुनवाई हुई। उल्लेखनीय है कि उक्त प्रकरण प्रतापगढ से निनोर मध्यप्रदेश सीमा तक ५२ किलोमीटर रोड को दूरस्त करवाने बाबत प्रस्तुत हुआ है। उपरोक्त प्रकरण में प्रार्थी रमेशचन्द्र शर्मा ने स्थाई लोक अदालत के समक्ष निवेदन किया कि सडक निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है, निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्डों के मुताबिक नहीं किया जा रहा है तथा सडक पर आवागमन हेतु कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं बना रखा है, जिससे धूल का गुबार उडता रहता है और दूर्घटना होने की संभावना भी बनी रहती है। उक्त तथ्यों पर गौर करते हुए स्थाई लोक अदालत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से अधीक्षण अभियन्ता को निर्देश दिये कि वह न्यायालय के समक्ष इस आशय का शपथ पत्र प्रस्तुत करें कि अब तक जो कार्य हुआ है वह गुणवत्तापूर्ण हुआ है और निर्धारित मापदण्डों के तहत हुआ है। साथ ही यह भी निर्देश दिये कि सम्पूर्ण निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्डों के मुताबिक ही किया जावे।
बैठक के दौरान एक अन्य जनोपयोगी प्रकरण सिद्धार्थ गौड बनाम सार्वजनिक निर्माण विभाग वगैरह में सुनवाई करते हुए स्थाई लोक अदालत ने विपक्षी विभाग को आदेश प्रदान किये। जिसके तहत विपक्षी विभाग द्वारा रठांजना से प्रतापगढ रोड का दूरूस्तीकरण किया जाना है। इस प्रकरण में भी अधीक्षण अभियन्ता द्वारा इस आशय का शपथ पत्र प्रस्तुत किये जाने का आदेश प्रदान किया कि उक्त सडक का मेंटिनेंन्स कितने किलोमीटर का पूर्ण हो गया है, कितने किलोमीटर का शेष है और साथ ही बकाया कार्य कितने समय में पूरा किया जावेगा और कार्य अधूरा होने के पीछे क्या कारण है। अब तक जो कार्य हुआ है वह निर्धारित मापदण्डों के तहत हुआ है और आगे भी मेंटिनेंस कार्य निर्धारित मापदण्डों के मुताबिक ही किया जावेगा।


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