संविधान दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजन

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Published on : 28 Nov, 18 05:11

संविधान दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजन प्रतापगढ| राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतापगढ के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश लक्ष्मीकांत वैष्णव ने आज ग्राम झांसडी में आदर्श राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
कार्यक्रम के शुभारंभ में सचिव श्री वैष्णव एवं पैनल अधिवक्ता अजीत कुमार मोदी ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए तस्वीर पर पुष्पार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया।
सचिव श्री वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि संविधान दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों में विधिक चेतना का संचार हो सके, इस उद्धेश्य से इस शिविर का आयोजन किया गया। स्कूली विद्यार्थियों में कानूनी ज्ञान होना अति आवशयक है, क्योंकि कम उम्र में कईं विद्यार्थी थोडे से प्रलोभन के वषीभूत होकर अपने जीवन के लक्ष्य से भटक जाते हैं और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं।
इस अवसर पर शिविर में उपस्थित छात्र-छात्राओं को आपराधिक गतिविधियों से बचने की सलाह देते हुए सचिव श्री वैष्णव ने अपील की कि अपने आस-पास होने वाले आपराधिक कि्रयाकलापों के बारे में अपने अभिभावकों, गुरूजनों, पुलिस अथवा प्राधिकरण को अवगत करावें ताकि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। संविधान दिवस (Constitution Day) हर साल २६ नवंबर को मनाया जाता है। २६ नवंबर १९४९ को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान को दो साल, ११ महीने और १८ दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था. हमारा संविधान विश्व का सबसे बडा संविधान माना जाता है। भारत का संविधान २६ जनवरी १९५० से लागू किया गया था। भारत सरकार द्वारा पहली बार २०१५ में ’’संविधान दिवस’’ मनाया गया. डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करने और संविधान के महत्व का प्रसार करने के लिए ’’संविधान दिवस’’ मनाया जाता है। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे. जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान का मसौदा तैयार करने में किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंटिंग का इस्तेमाल नहीं किया गया था। श्री वैष्णव ने यह भी बताया कि भारत के संविधान को प्रेमबिहारी राजश्रदा ने हस्तलेख में लिखा तथा सर बेनेगल नरसिंहराओ ने कठिन मेहनत से इसका मसौदा तैयार किया। उपस्थित छात्र-छात्राओं को दैनिक जीवन में काम आने वाली विधिक जानकारियों से भी अवगत कराया। इसी अवसर पर प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता अजीत कुमार मोदी ने भी अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर सामान्य विधिक जानकारियों से अवगत कराया और उपस्थित स्टॉफ और विद्यार्थियों को पेंशन योजना, मानसिक विमंदितों के कल्याणार्थ जारी योजना, वृद्धजन कल्याणार्थ योजना एवं बंदिजनों के कल्याणार्थ जारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की। दौराने शिविर विद्यार्थियों द्वारा स्वनिर्मित मतदाता जागरूकता संबंधी पोस्टर्स का विमोचन भी किया गया। श्री वैष्णव ने बालक बालिकाओं को न्यायिक एवं उच्च पदों पर आसीन होने के लिये कडी मेहनत की प्रेरणा देते हुए भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्त्तव्यों की भी जानकारी दी। षिविर आयोजन में विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक मोडीराम शर्मा, श्रीमती जयश्री बाला शर्मा, मेघा गुप्ता, बृजेश पाटीदार, अध्यापक नेपालसिंह सिसोदिया एवं कनिष्ठ लिपिक आसिफ अली एवं स्टॉफ ने सकि्रय सहभागीता का निर्वहन किया।

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