पावापुरी मे मनाया महावीर निर्वाण महोत्सव

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Published on : 10 Nov, 18 09:11

पावापुरी मे मनाया महावीर निर्वाण महोत्सव सिरोही । राजस्थान के सुविख्यात श्री पावापुरी तीर्थ एवं जीव मैत्रीधाम मे दीपावली के पावन अवसर पर भव्य रोशनी एवं रगोंली की सजावट के साथ रात्रि मे भगवान महावीर के जल मंदिर में ’’निर्वाण महोत्सव‘‘ विधिपूर्वक एवं भक्ति संगीत के साथ मनाया गया।
रात्रि मे १०८ दीपक की आरती के बाद ११ किलो का लडडु नवैध के रूप मे चढाया गया। संगीतकार सोहनलाल ने भगवान महावीर के निर्वाण पर भक्ति संगीत के द्वारा बताया कि भगवान महावीर ने जो त्याग तपस्या कर अंहिसा परमोधर्म एवं क्षमा का जो संदेश दिया है वो आज भी विश्व मे प्रासंागिक हैं।
२६ वर्ष से पावापुरी तीर्थ निर्माता के पी संघवी परिवार की प्रमुख, २६ वर्ष से वर्षीतप की तपस्या मे लीन श्रीमती रतनबेन बाबुलाल संघवी ने इस अवसर पर अठाई तप ( ८ उपवास) की आराधना कर निर्वाण महोत्सव को सार्थक बनाया। श्रीमती संघवी ने इसी तीर्थ पर पहले लगातार ७५ उपवास की कठोर तपस्या कर जैन शासन की सुन्दर प्रभावना की थी।
गौतम रास का वाचन
नव वर्ष के शुभारम्भ पर गुरूवार को प्रातः ५ बजे गाजते बाजते के पी संघवी परिवार एवं यात्रिक श्री शंखेश्वर पार्ष्वनाथ एवं पावापुरी जल मंदिर पहुंचे ओर वहां मंन्त्रोच्चारण के बाद तपस्वीरत्न रतनबेन संघवी एवं तीर्थ प्रमुख किशोर भाई ने द्वार उद्घाटन किया ओर गुरूजी मनीश शाह ने चैत्य वंदन कर उपासरे मे गुरू गौतम स्वामी के केवलज्ञान पर प्रकाश डालते हुऐ गौतमस्वामी का रास वांचन किया।
गौपूजन एवं गायो का कराया मुहं मीठा
तीर्थ सस्थापंक परिवार के कीर्ति भाई संघवी एवं समीर भाई संघवी ने बताया कि नववर्ष पर यात्रिक जुलुस के रूप मे गौशाला पहुंचे ओर वहां पर के पी संघवी परिवार के सदस्यो ने गौपूजन एवं सभी ५२५४ पशुओ को गुड खिलवा कर मुहं मीठा करवाया। इस अवसर पर सभी ग्वालो एवं ग्वालिनो ने नववर्ष राम राम कर ,स्नेह व्यक्त किया। इस अवसर पर सुबह शंखेश्वर पार्ष्वनाथ जिनालय मे परमात्मा के पक्षाल एवं पूजन का लाभ लेने के बाद यात्रिको ने एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। दोपहर मे सर्वकल्याण एवं शांति के लिए श्री सिद्वचक्र महापूजन हुआ जिसमे यात्रिको ने भाग लिया। प्रतिवर्ष दीपावली से लाभ पंचमी तक पावापुरी तीर्थ मे हजारो की तादाद मे भक्तगण आते है ओर यंहा पर गौपूजन का लाभ लेते है। इसलिए ट्रस्ट मंडल ने तीर्थ मे विशेष सजावट की है जो मनमोहक बनी हुई है।

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