(विवेक मित्तल) नई दिल्ली - उत्तर भारत हिन्दू अधिवेशन का शुभारमभ भारत सेवाश्रम संघ, नई दिल्ली शाखा में आत्माज्ञानानंद महाराजजी, सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी तथा हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत मार्गदर्शक पू. नीलेश सिंगबाळजी द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ।
अधिवेशन में उपस्थित प्रबुद्धजनों को सम्बोधित करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा कि, संसार के सभी देशों ने अपने संविधान द्वारा बहुसंख्यकों के धर्म, संस्कृति, भाषा और हित को सुरक्षा प्रदान की है। भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां बहुसंख्यक होते हुए भी गत ७१ वर्षों में ’सेक्युलर‘ भारतीय लोकतन्त्र ने हिन्दुओं और उनके हितों की रक्षा नहीं की है। इसलिए आज हिन्दू समाज सम्पूर्ण भारतवर्ष में असुरक्षित और शोषित बन गया है। ’सेक्युलर‘वाद के नाम पर भारत के राज्यकर्ता केवल अल्पसंख्यकों के लिए सक्रिय रहे। भारत में बहुसंख्यक हिन्दुओं के धर्म, संस्कृति, भाषा और हित को संवैधानिक सुरक्षा प्राप्त करवाने हेतु यह हिन्दू संगठनों का अधिवेशन है। हिन्दु राष्ट्र राजकीय नहीं, विश्घ्व कल्याणकारी संकल्पना है। यह हिन्दुओं के अंतर्मन में विद्यमान चौतन्य शक्ति की जागृति से संभव है! हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का संगठन समय की आवश्यकता है। धर्मसंस्थापना का कार्य एक शिवधनुष्य है। साधना के बल पर ही उसे उठा सकते हैं; इसलिए हिन्दू राष्ट्र-स्थापना का कार्य करते समय साधना का बल आवश्यक है ।
सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री चेतन राजहंस ने कहा कि राज्यव्यवस्था में सनातन धर्म की प्रतिष्ठा पुनर्स्थापित करने के ध्येय से सनातन संस्था कार्य कर रही है। धर्मश्रद्धा के प्रचार के कारण हिन्दुओं में श्रद्धा बढ रही है। इस कारण स्वयं को नास्तिकतावादी कहने वाले महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने सनातन की अपकीर्त्ति करना प्रारभ किया। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून के नाम से हिन्दुओं की श्रद्धा पर आघात करनेवाला कानून लाने की मांग कर रही थी। सनातन संस्था के विरोध के कारण उस कानून की २७ में से १४ धाराएं रद्द करनी पडी थीं। भारत के नक्शे में कश्मीर नहीं दिखानेवाले ’स्वीस एड फाऊंडेशन‘ नामक विदेशी संगठन से उन्हें करोडों रूपये चंदा मिलता था। उन्होंने थ्ब्त्। कानून का उल्लंघन किया था। इनके घोटाले सनातन संस्था ने चौरिटी कमीशनर के सामने उजागर किए थे। उसी कालावधि में डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या हो गई । अगर उनकी हत्या नहीं होती तो आज वो जेल में होते । लेकीन हत्या की जाँच से पहले ही महाराष्ट्र के काँग्रेस के मुख्यमंत्री के बयान दिया कि, ये हत्या नाथुरामी विचारों के लोगों ने की है । इस प्रकरण में सनातन संस्था के ७०० साधकों की जांच हुई लेकिन कोई भी तथ्य सामने नहीं आया।
अधिवेशन के अन्य सत्रों में भारत के प्रसिद्ध पत्रकार श्री उदय माहूरकर जी ने ’वीर सावरकरजी का हिंदु राष्ट्र‘ इस विषय पर विचार रखे। उज्जैन, मध्यप्रदेश के क्मेपबदद.बवउ के संपादक श्री सुरेश चिपळूणकर जी ने भी ’कम्युनिस्टों का राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र और हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता‘ इस विषय पर उपस्थितों का मार्गदर्शन किया। इंदौर के आर्य समाज के जिला प्रभारी डॉ. अखिलेशचंद्र शर्माजी ने इस्लामी आक्रमण एवं हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता पर उपस्थितों का मार्गदर्शन किया तथा सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके जी ने ’भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता‘ इस विषय पर अपने विचार रखें।
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