महाराष्ट्र सरकार ने कुछ माह पहले सहकारी और निजी दुग्ध उत्पादकों को दूध से दूध का पाउडर बनाने के लिए प्रति लीटर के हिसाब से पांच रपए की सब्सिडी देने का फैसला किया था। सहकारी सोसायटियां पहले ही सरकारी सहायता के लिए आवेदन कर चुकी हैं लेकिन उन्हें यह साबित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके द्वारा खरीदे जाना वाला दूध गाय का है और केवल डेयरी किसानों ने उसकी आपूत्तर्ि की है।डेयरी विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सहायता को पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों ने डेयरी किसानों से बैंक खातों का विवरण भी मांगा है।
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