इस वर्ष अगस्त माह तक ६०७ घटनाओं के कारण ९०५ ट्रेनें हुई प्रभावित

( 3590 बार पढ़ी गयी)
Published on : 20 Sep, 18 05:09

पटरी पर गाडियों के सामने जानवरों के आने से गाडयों की समयपालन (Punctuality) को नुकसान

इस वर्ष अगस्त माह तक ६०७ घटनाओं के कारण ९०५ ट्रेनें हुई प्रभावित रेल संचालन में गाडयों की संरक्षा और समयपालनता (Punctuality) रेलवे की प्राथमिकता है। रेल यात्री संरक्षित तथा समयानुसार यात्रा करें इसके लिये रेलवे सदैव अपने प्रयास करता है, लेकिन कई बार इस प्रकार की घटनाऐं घटित हो जाती है, जिसके कारण ट्रेनें देरी से संचालित होती है साथ ही उनकी संरक्षा भी प्रभावित होती है। इन्हीं कारणों में से एक है, पटरी पर गाडयों के सामने जानवरों के आना। इस कारण से गाडयों की गति कम करनी पडती है और उनको रोकना भी पडता है, जिसके कारण गाडयॉ विलम्ब से चलती है और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पडता है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के क्षेत्राधिकार में इस वर्ष अगस्त माह तक जानवरों के ट्रेनों के सामने आने की ६०७ घटनायें दर्ज की गई है, जिसके कारण ९०५ ट्रेनें प्रभावित हुई है। जयपुर मण्डल पर २५०, अजमेर मण्डल पर १२०, बीकानेर मण्डल पर ९५ तथा जोधपुर मण्डल पर १४२ घटनाऐं दर्ज की गई है।
जानवरों के पटरी पर ट्रेन से टकराने से संरक्षा भी प्रभावित होती है। विगत तीन वर्षों में जानवरों के टकराने से २ ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाऐं भी हुई है। इसके अतिरिक्त जानवरों के टकराने से रेल इंजन को भी नुकसान पहचता है।
राजस्थान क्षेत्र में पशुपालन एक प्रमुख व्यवसाय है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत अधिक संख्या में पशु चारा चरने के लिये इधर-उधर जाते रहते है और वो चरते-चरते पटरी पर आ जाते है और ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिये पशु-पालकों को उन्हें पटरी और उसके आस-पास नहीं लाना/छोडना चाहिये। उपरोक्त घटनाओं को ध्यान रखते हुए रेल प्रशासन इस प्रकार की घटनाओं पर कार्यवाही करने जा रहा है। रेलवे ट्रेक पर जानवरों को खुला छोडने से होने वाली दुर्घटना से बचने के लिये रेल प्रशासन उन क्षेत्रों की पहचान कर जहॉ इस प्रकार की घटनाएं अधिक होती है वहॉ जागरूकता अभियान चलाया जायेगा तथा पशु पालको को पहले समझाया जायेगा तथा उसके पश्चात भी इस तरह की घटना होने पर जानवरों के मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा जिससे इस प्रकार की दुर्घटनाओं पर रोक लग सकें।
रेलवे द्वारा समयपालनता के लिये प्रयास किये जाते है, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं इसको प्रभावित करती है इसके पश्चात् भी उत्तर पश्चिम रेलवे इस वर्ष अगस्त माह तक मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन में ८६ प्रतिशत समयपालना को प्राप्त कर भारतीय रेलवे में द्वितीय स्थान पर है।

साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.