‘मैक्सिकन ऑर्डर ऑफ इ एजटेक ईगल’ सम्मानडॉ. रघुपति सिंघानिया को

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Published on : 15 Sep, 18 14:09

‘मैक्सिकन ऑर्डर ऑफ इ एजटेक ईगल’ सम्मानडॉ. रघुपति सिंघानिया को
उदयपुर। जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. रघुपति सिंघानिया को मैक्सिको सरकार द्वारा विदेशी नागरिकों के लिये देश के उच्चतम सम्मान ‘मैक्सिकन ऑर्डर ऑफ इ एजटेक ईगल’ से सम्मानित किया गया। मैक्सिको के 128वें राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर भारत में मैक्सिको की राजदूत सुश्री मेल्बा प्रिया ने मैक्सिको के राष्ट्रपति की ओर से डॉ. सिंघानिया को पुरस्कृत किया। यह शीर्ष सम्मान डॉ. सिंघानिया के नेतृत्व, मानवता के प्रति उनकी उल्लेखनीय सेवाओं और भारत एवं मैक्सिको के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के उनके प्रयासों को दर्शाता है।
पुरस्कार प्राप्त करने पर डॉ. सिंघानिया ने कहा कि मेरे लिये यह बेहद सम्मान की बात है कि माननीय सुश्री मेल्बा प्रिया ने मुझे सम्मानित किया। मैक्सिको में निवेश में भारतीय व्यावसायों के बीच रूचि का निर्माण करने में एक प्रमुख भूमिका निभाना मेरे लिये सौभाग्य की बात है। मेरे पास मैक्सिको के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री फेलिप के साथ टॉर्नेल के बारे में मेरी पहली बातचीत की खुशनुमा यादें हैं। उसके बाद कई बार सरकारों के साथ मेरा संवाद हुआ और यह इतिहास बन चुका है। मैक्सिको सरकार ने वाकई में विदेशी निवेश का खुले हाथों से स्वागत कर व्यावसायों को बढ़ावा दिया है। यह उद्योग की दिशा में मैक्सिको की सरकार के सहयोगी रवैये को दर्शाता है। यह कुछ ऐसा है, जिसकी उम्मीद अन्य देशों से भी की जाती है।
वर्ष 2008 में, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने टॉर्नेल का अधिग्रहण कर अपने सुदृढ़ उत्पादन परिचालनों का विस्तार किया था। इसकी तीन उत्पादन इकाईयां एजकैपोटजेल्को, तुल्तीतलान और हिडाल्गो में हैं। डॉ. सिंघानिया के रणनीतिक नेतृत्व में कंपनी ने पहले साल से ही अपनी इकाई की दक्षता को बेहतर बनाने और उत्पाद सेगमेंट्स में बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने का प्रयास किया है। विगत वर्षों में उत्पादन क्षमता का विस्तार हुआ है और टॉर्नेल की वैश्विक उपस्थिति का उत्तरी अमेरिका और लैटिन अमेरिका बाजारों में विस्तार किया है। कंपनी ने हाल ही में राइटसाइजिंग वर्क फोर्स द्वारा जेके टॉर्नेल में मैक्सिको में अपने पहले लेबर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोग्राम को लागू किया है। यह मैक्सिको सरकार, खासतौर से श्रम मंत्रालय द्वारा प्राप्त जबरदस्त मदद की वजह से ही संभव हो पाया है।
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