छात्रसंघ चुनाव परिणाम रोक को लेकर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

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Published on : 15 Sep, 18 05:09

छात्रसंघ चुनाव परिणाम रोक को लेकर हाईकोर्ट में  हुई सुनवाई उदयपुर । मोहनलाल सुखाडया विश्वविद्यालय के विधि महाविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव परिणाम रोक को लेकर मामले में कल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जिसके अन्तर्गत मोहनलाल सुखाडया विश्वविद्यालय से हाईकेार्ट द्वारा ईश्वर अहीर, अध्यक्ष पद प्रत्याशी के नामांकन पत्र की प्रति मांगी गई थी जिसे विश्वविद्यालय द्वारा हाईकोर्ट में पेश किया गया। जिसमें ईश्वर अहीर के नामांकन के संबंध में विश्वविद्यालय ने बिना कोई जांच-पडताल किये ही मिथ्या जवाब हाईकोर्ट में पेश कर दिया। परन्तु ईश्वर अहीर के विरूद्ध प्रतापनगर थाना में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट १६/१८ दर्ज है जिसमें ईश्वरलाल अहीर कोर्ट से जमानत पर है एवं उसकी रिमाण्डपेशी केार्ट में नियत है एवं ईश्वरलाल अहीर की पात्रता एवं एक ही सेमेस्टर एल.एल.एम. प्रथम की चार अंकतालिकाओं जो विश्वविद्यालय के ऑनलाईन पोर्टल पर उपलब्ध हुई के संबंध में भी आपत्ति दर्ज करवाई जिस हेतु विश्वविद्यालय अपना जवाब लेकर आया कि वह हमारे विभागीय टंकन त्रुटि बताते हुए अपना पल्ला जाड दिया जबकि किसी भी विद्यार्थी की अंकतालिका ऑनलाईन अपलोड से पूर्व उसकी टी.आर. बनती है।
नामांकन पत्र में निमयानुसार प्रत्याशी को उन पर चल रही कानूनी कार्यवाही एवं पात्रता आदि का विवरण देना अनिवार्य होता है लेकिन प्राप्त हुए दस्तावेज से ज्ञात हुआ कि ईश्वर अहीर द्वारा स्वंय के उपर चल रही कानूनी कार्यवाही का कोई भी दस्तावेज नामांकन में सलंग्न नहीं किया एवं ना ही घोषणा पत्र एवं शपथ पत्र में इसका उल्लेख किया तथा ना ही इसकी जानकारी नामांकन में दी। जबकि नियमानुसार अगर प्रत्याशी के विरूद्ध कोई कानूनी इत्यादि कार्यवाही लम्बित होतो उसका विवरण एवं उससे संबंधित दस्तावेज व स्पष्टीकरण देना अनिवार्य ह और इसी संदर्भ में आज अध्यक्ष पद प्रत्याशी चिराग कोठारी द्वारा चिफ इलेक्शन ऑफिसर, डी.एस.डब्लु., रजिस्ट्रार, वी.सी., मेाहनलाल सुखाडया विश्वविद्यालय एवं ए.डी.एस.डब्लु. विधि महाविद्यालय को प्रार्थना पत्र दिया गया।
विधि कॉलेज अध्यक्ष प्रत्याशी ईश्वर अहीर द्वारा नामांकन में कानूनी कार्यवाही का विवरण नहीं देने पर विधि महाविद्यालय के तृतीय वर्ष के छात्र ललितसिंह सिसोदिया द्वारा आपत्ति लगाई परन्तु इस पर भी मोहनलाल सुखाडया विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अपने स्वंय के स्तर पर कोई कार्यवाही या जांच नहीं की तथा नामांकन के इन सब तथ्यों को नजर अंदाज करते हुए नामांकन स्वीकार कर लिया गया।

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