मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की संभाग स्तरीय कार्यशाला

( 14717 बार पढ़ी गयी)
Published on : 15 Sep, 18 05:09

सभी के समन्वित प्रयासों से वरदान साबित हुआ है अभियान - कटारिया

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की संभाग स्तरीय कार्यशाला उदयपुर| प्रदेश को जल के मामले में आत्मनिर्भर बनाने एवं उचित जल प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का सोच एवं अनूठी पहल पर शुरू किया गया मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान आज हर तबके के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस अभियान को मूर्त रूप देने एवं जनहित के लिए कारगर बनाने में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, समाजसेवियों भामाशाहों, मीडिया एवं आमजन आदि के समन्वित प्रयास रंग लाए है।
यह बात गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की संभाग स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।
कार्यशाला में राज्य नदी बेसिन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे, उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा, जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, बड़गांव प्रधान खूबीलाल पालीवाल, कुराबड़ प्रधान आस्मां खां, संभागीय आयुक्त भवानी सिंह देथा, जिला कलक्टर बिष्णुचरण मलिक, जिला परिषद सीईओ कमर चैधरी, एसीईओ मुकेश कलाल सहित राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मीडिया प्रतिनिधि, संभागभर के जनप्रतिनिधिगण, संबंधित अधिकारी व अभियंतागण, लाभार्थी, भामाशाह, औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाओं व एनजीओ के प्रतिनिधि एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।
गृहमंत्री ने कहा कि अभियान के दौरान संभाग भर में बनी जलसंरचनाओं में हुए जल संग्रहण से जहां एक ओर भूमि का जलस्तर बढ़ा है वहीं दूसरी ओर प्रकृति का स्वरूप भी बदला है। अभियान के दौरान जल संरक्षण के साथ किये गये पौधारोपण कार्य से हरीतिमा आच्छादित पहाड़ियां भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। चंूकि पहाड़ियां यदि सघन रहेगी तो जल की प्रचुरता बनी रहेगी और वर्षा का मात्रा में भी इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान बनी ट्रेंचों, नाडियों एवं विभिन्न जल संरचनाओं से आसपास के कुएं, बावड़िया, हैण्डपम्प और ट्यूबवेल आदि संसाधन रिर्चाज हो चुके है। इससे आमजन सहित कृषक वर्ग, वन्यजीव आदि को राहत मिली है।
औद्योगिक घरानों व भामाशाहों के नाम हो स्ट्रक्चर
गृहमंत्री कटारिया ने कहा कि अभियान के तहत सहयोग प्रदान करने वाले औद्योगिक घरानों, भामाशाहों, स्वंयसेवी संस्थाओं एवं सामाजिक संगठनों को जल संरक्षण के लिए बनाये गये स्ट्रक्चर गोद दे दिये जाए और इन संरचनाओं का नाम सहयोग प्रदान करने वाली संस्थाओं/प्रतिष्ठानों के नाम हो। इससे अभियान में अपेक्षित सहयोग मिलेगा और ये संस्थाए अन्य संस्थाओं के लिए प्रेरक साबित होगी।
सिंचाई के लिए आधुनिक तकनीक का हो उपयोग
श्री कटारिया ने कार्यशाला के दौरान मौजूद प्रतिनिधियों एवं संभागियों से कहा कि जल के सीमित उपयोग के लिए कृषि कार्यो में आधुनिक तकनीक यथा फव्वारा व पाइप लाईन से सिंचाई कार्यांे को संपादित किया जाये जिससे अत्यधिक दोहन होने वाले जल की मात्रा में कमी आयेगी एवं जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
जिले का पानी रोकने के कारगर उपाय हो
गृहमंत्री ने नदी बेसिन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे से कहा कि उदयपुर जिले के झाड़ोल क्षेत्र से साबरमती व बीसलपुर जाने वाले पानी को रोकने के लिए ऐसी योजना बनायी जाये जिससे यह पानी उदयपुर जिले में पहुॅचे और हमारी झीलें वर्ष पर्यन्त लबालब रहे।
अन्य देशों के लिए माॅडल बना राजस्थान- श्रीराम वेदिरे
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान नदी बेसिन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के सूत्रधार श्रीराम वेदिरे ने कहा कि राजस्थान का यह जल स्वावलम्बन अभियान विश्व के अन्य देशों के लिए माॅडल साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में उदयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आये ब्रिक्स देश के प्रतिनिधियों ने अभियान के तहत हुए कार्यो का अवलोकन किया और इसे अपने देश में लागू करने की बात कही। इसी तर्ज पर आस्टेªलिया में जल प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य प्रारम्भ हो चुका है जबकि अफ्रीकी देशों में अभियान को लेकर योजना बनायी जा रही है।
उन्होंने अभियान के तीनों चरणों के तहत हुए कार्यो के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अभियान के तहत बनी जल संरचनाओं का टेªंच, स्टेªगड टेªंच सीसीटी,एमपीटी, परकोलेशन टेंक आदि के तकनीकी मापदण्डों एवं गुणवत्ता के बारे में सदन को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत बनने वाली इन संरचनाओं के बारे में अनुभवी अभियन्ताओं एवं अधिकारियों से चर्चा करने के बाद कम से कम बजट में गुणवत्तायुक्त कार्य की योजना बनायी जाती है।
उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा ने अभियान को हर तबके के लिए उपयोगी बताया और कहा कि जल प्रबंधन के लिए इस अनुठे प्रयास से ग्रामीण क्षेत्र में कृषि कार्यो के साथ पशुपालन को बढ़ावा मिला है और पौधारोपण कार्य से भूमि का उपजाउपन बढ़ने के साथ भूमिगत जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। कार्यक्रम को जिला प्रमुख श्री मेघवाल व बड़गांव प्रधान खूबीलाल पालीवाल ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन दीपक श्रीवास्तव व महेश भट्ट ने किया। अन्त में आभार जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक ने जताया।
लाभार्थियों ने सुनाये अनुभव
कार्यशाला के दौरान संभाग भर से आये लाभार्थियों ने अभियान की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे का आभार जताया एवं अपने अनुभव साझा किये। इनमें उदयपुर से माधवलाल अहीर, राजसमन्द से भेरुलाल जोशी, चितौडगढ़ से लाभचन्द धाकड़, प्रतापगढ़ से लक्ष्मणसिंह, डूंगरपुर से प्रभुलाल मेघवाल तथा बांसवाड़ा से ललित पातरपाट ने अभियान के फायदों के बारे में सदन को अवगत कराया।
52 जनों का सम्मान
कार्यशाला के दौरान अभियान के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करने पर संभाग भर से 52 अधिकारी, कर्मचारी, औद्योगिक व धार्मिक संगठन के प्रतिनिधि, समाजसेवी एवं स्वंयसेवी संस्थाओं को सम्मानित किया गया। इनमें उदयपुर से 10, बांसवाड़ा से 9, डूंगरपुर से 6, राजसमन्द से 8, चितौडगढ से 7 व प्रतापगढ से 12 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को सम्मानित किया गया।
साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.