अफीम पॉलिसी में अधिकाधिक किसानों को मिले लाभ-जोशी

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Published on : 15 Sep, 18 04:09

अफीम पॉलिसी में अधिकाधिक किसानों को मिले लाभ-जोशी चित्तौडगढ| आगामी अफीम पॉलिसी मे क्षेत्र के शेष वंचित रहे किसान जुडने चाहिए।
चित्तौडगढ सांसद सी पी जोशी ने गुरुवार को केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रकाश शुक्ल से मुलाकात कर आगामी अफीम पॉलिसी मे घटिया के कारण कटे अफीम लाईसेंस पुनः बहाल करने का आग्रह किया।*
सासंद जोशी ने कहा कि क्षेत्र के कई किसानों को तुलाई के समय प्राथमिक जांच में अच्छी श्रेणी की घोषित की है परंतु वही अफीम विभाग की फैक्ट्री में बहुत अधिक मात्रा में निम्न श्रेणी की घोषित की गई है। इस कारण कई किसानों के अफीम लाईसेंस कट गये। इस लिए इन सभी किसानों को एक बार पुनः खेती का अवसर मिलाना चाहिए। १९९८ से २००३ जिन्होने न्यूनतम उपज की शर्त पूरी करी, २००४ से २००९ तक न्यूनतम उपज की शर्त ५३ किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पूरी करी, २०१०से २०१७ तक जिन किसानों ने न्यूनतम उपज की शर्त पूरी करी है परंतु घटिया के कारण अफीम लाईसेंस कटे है, उन्हे पुनः एक बार मौका मिलना चाहिए।**
इसी प्रकार वर्ष २०१० से २०१७ तक कम औसत के कारण रूके कुल पांच बार से कम उपज वाले किसानों को २ किलोग्राम प्रति हेक्टेयर न्यूनतम उपज शर्त मे छूट देते हुए लाईसेंस पुनः बहाल किए जाए।

सांसद जोशी ने इस अवसर पर १९९८से २०१७ तक नाम में भिन्नता के कारण रूके हुए, विभागीय नियमों की अवहेलना के कारण रूके लाईसेंस, वर्ष १९९८ से अफीम फसल चोरी के दर्ज प्रकरण के कारण रूके लाईसेंस भी जारी होने चाहिए ताकि क्षेत्र के शेष वंचित रहे किसान भी अफीम खेती कर सके।*
इसी प्रकार सांसद जोशी ने वर्ष २०१७ में मंत्रालय के आदेश से वंचित ८१ किसान को उनके प्राथमिक सैंपल के आधार पर पुनः लाईसेंस दिए जाए। इसके साथ किसानों के हित में मार्फिन की शर्त को समाप्त कर दिया जाए या* इसको* कम कर दिया जाए। १९९८-२००५ के मध्य किसानों को २ किग्रा औसत की छूट देकर लाईसेंस प्रदान किये जाये। १०० की औसत में २०१६-१७ के बाद वाले किसानों को भी सम्मिलित किया जाये। माननीय न्यायालय के माध्यम से एन.डी.पी.एस. संबंधी दोष मुक्त किये गये किसानों को ला*सेंस प्रदान किये जाये। अफीम तोल प्रक्रिया में ’’कच्चा तोल‘‘ बंद किया जाये। वर्ष २०१६-१७ एवं २०१७-१८ पर बडवल व गोमाना सी-पार्ट में अफीम तौल केन्द्र व अफीम फ्रेक्ट्री की जाँच में बहुत अधिक अन्तर होने लाईसेंस काटे गये, इस संबंध में पुनः जाँच की जाये। अफीम फसल का मूल्य बढाया जाये। अफीम फसल बुवाई के ४५ दिनों के अन्दर गिरदावरी कार्य पूर्ण कर लिया जाये। अफीम लाईसेंस में नाम, उपनाम, पिता, पति के नाम, गाँव इत्यादि में त्रुटि सुधार की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाये। जिन किसानों के द्वारा ८४ की औसत प्रदान की गई पॉलिसी में वर्णित मानक अनुसार मार्फिन नहीं बैंठी जबकि परिणाम में ’’वाटर मिक्स‘‘ आने वाले किसानों की औसत बैठी इसका परीक्षण कराया जाये। अफीम तौल केन्द्र पर ही अफीम जाँच का अंतिम परिणाम प्राप्त हो सके ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाये। आगामी माह सितम्बर-२०१८ के अन्तिम सप्ताह तक अफीम किसानों को लाईसेंस प्रदान कर दिये जाये। वर्ष १९९८ से २०१७ तक घटिया के कारण निरस्त अफीम लाईसेंस बहाल किये जाये। अफिम किसानों को जारी किये जाने वाले लाईसेंस में ’’नामों का शुद्धिकरण‘‘ विशेष केंप आयोजित करके किया जाये।* अफिम लाईसेंस स्वीकृत होने के पश्चात् किसी भी कारण बुवाई नहीं करने से कटे हुये पट्टे बहाल किये जाये। मिलावट के कारण बंद किये गये पट्टे एक बार फिर माफी देकर बहाल किये जावें। संसदीय क्षेत्र के ८०-८२ किसानों के सेम्पल के आधार पर ही जांच कर उनके लाईसेंस बहाल किया जायें।*


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