झमाझम बारीश के बीच मनाया ८२वां स्थापना दिवस

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Published on : 21 Aug, 18 15:08

साक्षरता, बेहतर शिक्षा तथा मुल्य बोध की स्थानपा के लिए ही विद्यापीठ की स्थापना प्रो. सारंगदेवोत

झमाझम बारीश के बीच मनाया ८२वां स्थापना दिवस उदयपुर राजस्थान विद्यापीठ के ८२वां स्थापना दिवस मंगलवार को प्रतापनगर स्थित मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, कुल अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र जौहर, रजिस्ट्रार प्रो. आरपी नारायणीवाल ने झमाझम बारीश के बीच जनुभाई की प्रतिमा पर पुष्पांजलि, मॉ सरस्वती तस्वीर पर माल्यार्पण, दीप प्रज्जवलित एवं संस्था का झण्डारोहण कर समारोह का शुभारंभ किया। संस्था गीत कुंभा कला केन्द्र के कलाकारों द्वारा संस्था गीत प्रस्तुत किया गया। रजिस्ट्रार प्रो. आरपी नारायणीवाल ने बताया कि समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि अच्छे समाज की निर्माण की जिम्मेदारी शिक्षा के कंधों पर है। वह शिक्षा खुद के लिए न होकर समाज के सर्वहारा वर्ग के लिए हो ठीक उसी तरह मूल्यपरक शिक्षा भी देश व समाज को आगे बढाने की आज की जरूरत है। जिस समय देश में महात्मा गांधी स्वतंत्रता की अलख जगा रहे थे उस समय मेवाड के आदिवासी अंचल में जनुभाई शिक्षा की जोत जलाने में व्यस्त थे। विद्यापीठ की स्थापना उनकी अज्ञानता दूर करने की सोच का ही परिणाम है। पं. नागर ने साक्षरता, बेहतर शिक्षा तथा मुल्य बोध की स्थानपा के लिए ही विद्यापीठ की स्थापना की। कुल अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र जौहर ने बताया कि यह दिवस बीतें वर्षों में किए गए कार्यों का मूल्यांकन तथा नवीन दायित्व बोध का है। नई पीढी से मेवाड के ग्रामीण समुदाय के काम हाथ मे लेते हुए जनुभाई के सपनों केा पूरा करने की बात कही। रजिस्ट्रार प्रो. आरपी नारायणीवाल ने कहा कि संस्था पर जनू भाई का सम्पूर्ण ग्रामीण समुदाय के उत्थान का जो सपना था उसको हमें ग्रामीण समुदाय में प्रौढ शिक्षा, पर्यावरण, महिला एवं बालशिक्षा, आंगनवाडी, सामाजिक सरोकार ओर समुदाय के लिए रोजगारोन्मुखी कार्य हाथ में लेकर उसका लाभ ग्रामीण समुदाय को दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर प्रो. एसके मिश्रा, डॉ. जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. सुमन पामेचा, डॉ. सरोज गर्ग, डॉ. हरीश शर्मा, प्रो. प्रदीप पंजाबी, प्रो. जी.एम. मेहता, डॉ. मनीष श्रीमाली, विशेषाधिकारी डॉ. हेमशंकर दाधीच, सहायक रजिस्ट्रार रियाज हुसैन, सुभाष बोहरा, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. रक्षित आमेटा, डॉ. रीना मेनारिया, डॉ. शशि चितौडा, डॉ. दिलिप सिंह चौहान, डा. हीना खान, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, कृष्णकांत कुमावत, जितेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. आशीष नन्दवाना, डॉ. मेहजबीन सादडीवाला, सहित विद्यापीठ के समस्त कार्यकर्ता उपस्थित थे। समारोह का संचालन डॉ. प्रकाश शर्मा ने किया जबकि धन्यवाद डॉ. भवानीपाल सिंह ने दिया।


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