वेद पढ़ने से पहले विश्वविद्यालय सिखाएगा संस्कृत

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Published on : 21 Aug, 18 07:08

वेद पठन-पाठन हेतु संस्कृत भाषायी दक्षता का विशेष पाठ्यक्रम शुरू

वेद पढ़ने से पहले विश्वविद्यालय सिखाएगा संस्कृत बांसवाड़ा| गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा वेद विद्यापीठ को प्रारम्भ करते हुए वेदों के अध्ययन एवं अध्यापन हेतु आवश्यक संस्कृत भाषायी दक्षता हेतु विशेष प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।
विश्वविद्यालय के अकादमिक प्रभारी डॉ.राकेश डामोर ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली द्वारा विश्वविद्यालय के वेद विद्यापीठ में अनौपचारिक संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र का प्रारम्भ किया गया है। जिसमें संस्कृत सम्भाषण के साथ साथ संस्कृत भाषायी दक्षता की विविध प्रविधियों का विस्तृत प्रशिक्षण दिया जायेगा।
विश्वविद्यालय की अकादमिक प्रभारी डॉ. अलका रस्तोगी ने बताया कि एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक समस्त संस्कृत जिज्ञासुओं से दिनांक 31 अगस्त, 2018 तक आवेदन आमंत्रित किये गये है। इस केन्द्र में प्रवेश की कोई अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं करके विश्वविद्यालय ने वागड़ की संस्कृति के अनुरूप वेदों के अध्ययन का मार्ग सभी लोगों के लिए प्रशस्त किया है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले सभी विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री निःशुल्क प्रदान की जायेगी।
अगले चरण में शुरू होगा पौरोहित्य प्रशिक्षण:
राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान नई दिल्ली से संस्कृत प्रवक्ता के रूप में नियुक्त आचार्य अभिनन्दन झा ने बताया कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ अलग-अलग प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम प्रारम्भ करता है। इसी के तहत एक वर्षीय संस्कृत प्रमाण पत्र प्राठ्यक्रम प्रारम्भ करके अगले चरण में विश्वविद्यालय के वेद विद्यापीठ प्रकल्प के तहत् पौरोहित्य प्रशिक्षण, ज्योतिष एवं प्राच्य विद्या दक्षता प्रमाण पत्र भी प्रारम्भ किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि वेदों के अध्ययन के लिए संस्कृत में निपुणता अपरिहार्य है इसी लिए वेद विद्यापीठ में सर्वप्रथम संस्कृत भाषायी दक्षता हेतु प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया है।
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