उदयपुर| वर्ष 2018-19 की पाण्डुलिपि प्रकाशन सहयोग योजनान्तगर्त राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 43 पाण्डुलिपियों पर 5 लाख 43 हजार रु. का सहयोग स्वीकृत किया गया है तथा इसी प्रकार अकादमी की प्रकाशित ग्रन्थों पर सहयोग योजनान्तर्गत 15 पुस्तकों पर 1 लाख 50 हजार रु. का सहयोग स्वीकृत किया गया है।
राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष डाॅ. इंदुशेखर तत्पुरुष ने बताया कि पाण्डुलिपि प्रकाशन सहयोग योजना में 9 पाण्डुलिपियों पर - शब्द कोश मौन है (काव्य). शिवदान सिहं जोलावास, उदयपुर, सूफी बनने से डर लगता है (काव्य) डाॅ. शमा खान, अजमेर, जड़ों की तलाश में (काव्य) परमानंद भट्ट, जालोर, मेरा मौन (काव्य) श्रीमती संतोष चैधरी, जोधपुर, आसमान के बिना (कहानी) अशोक आत्रेय, जयपुर, खेत (कहानी) दिनेश पंचाल, विकासनगर, हिन्दी कविता: समय का शाब्दिक दस्तावेज डाॅं. नवीन नंदवाना, उदयपुर, विचार-विथिया श्री शंकरलाल माहेश्वरी, आगूचा, श्री मभ्दगव˜ीता आचारशती डाॅ. राजेश कुमार जोशी, बाँसवाड़ा प्रत्येक को 15-15 हजार रु. का सहयोग तथा कल भी सूरज उगेगा (काव्य) नितिन मेनारिया, उदयपुर, वहीं पर खडे़ है, जहाॅ से चले है (काव्य) श्री इकबाल हुसैन, उदयपुर, सुख के दीप जले (काव्य) सुशील व्यास, जोधपुर, बच्चों की मुस्कान (बा.सा.) कु. शिल्पी कुमारी, उदयपुर, गुल मोहर (काव्य) श्रीमती शशि ओझा, भीलवाड़ा, जीने दो धरती पर (काव्य) डाॅ. घनश्याम कच्छावा, सुजानगढ़, प्रस्फुटन (काव्य) शकुन्तला शर्मा, जयपुर, रिश्ते हुए सपने (काव्य) श्रीमती शशि सक्सेना, जयपुर, भरोसा अभी बचा है (काव्य) अनुपमा तिवाड़ी, जयपुर, इसी दुनिया में रहने लायक कविताएँ श्री माधव सिंह राठौड़, जोधपुर, रण के साधक (काव्य) गिरीश जोशी, उदयपुर, मौन सोनचिरी (काव्य) प्रतिभा शर्मा, भीनमाल, अनकहे शब्द (काव्य) रेनू शर्मा, जयपुर, चिंतन के प्रतिबिम्ब (काव्य) महेन्द्र कुमार शर्मा, भीलवाड़ा, लौटती शाम (काव्य) सत्यदेव पंचाल, डूंगरपुर, मन संमदर (काव्य) नीरा जैन, जयपुर, तृप्ति की खोज में (काव्य) डाॅ. हुसैनी बोहरा, उदयपुर, प्रत्यंचा (काव्य) डाॅ. उर्वशी भट्ट, डूंगरपुर, मुहँ से कुछ बोला नहीं (काव्य) श्री जगदीश चन्द्र तिवारी, उदयपुर, नदी सरोवर झील, (काव्य) श्री जयसिंह आशावत, नैनवा, समिद्या संवेदनाओं की (काव्य) श्रीमती किरणबाला जीनगर, उदयपुर, शब्द अम्बर (काव्य) रमेश कुमार शर्मा, बीकानेर, आज कह दूं कोई गजल ऐसी (काव्य) कासम अली, बीकानेर, सूरज को न्यौता (काव्य) डाॅ. रेवतदान, जयपुर क्यों रचूं कविता? (काव्य) श्री हरिशंकर आचार्य, बीकानेर, निजता का आंगन (काव्य) श्रीमती ऋतु शर्मा, बीकानेर, अमरूद की महक (कहानी) श्रीमती पूनम पाण्डे, अजमेर, शेष होते तर्क (कहानी) डाॅ. विभा सक्सेना, सिरोही, अन्तर्दृष्टि (कहानी) श्री संजय पुरोहित, बीकानेर, एक थी शैलजा (बा.कहानी) श्रीमती शकुन्तला पालीवाल, उदयपुर, रिटर्न गिफ्ट (कहानी) श्रीमती शशि सक्सेना, कोटा, नाक का सवाल (व्यंग्य) श्रीमती बसन्ती पंवार, जोधपुर, सुख अस्वस्थ होने के (व्यंग्य) श्रीमती रेणु देवपुरा, उदयपुर सांसों के सिक्के (काव्य) श्री इरशाद अजीज, बीकानेर प्रत्येक को 12-12 हजार रु. का सहयोग स्वीकृत किया गया है।
अकादमी अध्यक्ष डाॅ. तत्पुरूष ने बताया कि इसी प्रकार अकादमी की प्रकाशित ग्रन्थों पर सहयोग योजनान्तर्गत 15 पुस्तकों - तिनके उम्मीदों के (कहानी) कविता ‘मुखर’ जयपुर, एक बीज की संभावना (कहानी) डाॅ. एस. के. लोहनी, भीलवाड़ा, उजास किरणें (कहानी) नीलम सपना शर्मा, जयपुर, संस्कृत-संस्कृति-सामयिकता (नि.) प.परशुराम दवे ‘कुसुम’,जोधपुर, अब क्या करू ं? (कहानी) सावित्री चैधरी, जयपुर, नया सवेरा (कहानी) डाॅ. रीता सोलंकी, जयपुर, धूप छांव के बीच (काव्य) श्रीमती राज चतुर्वेदी,जयपुर, सर्वोत्तम उपहार (कहानी) डाॅ. कृष्णा माहेश्वरी भीलवाड़ा, अभी उम्मीद बाकी है (काव्य) श्री रामनारायण मीणा, कोटा, अन्तर्मन के शब्द चित्र (काव्य) श्री राजेन्द्र प्रसाद जोशी, मेड़ताशहर, अतीत के स्वर (काव्य) श्रीमती अंजू पुरोहित, जयपुर, स्मरण अपने होने का (काव्य) श्री नरेन्द्र नारायण किराडू, बीकानेर, दिल इतने तंग क्यों हें (काव्य) हेमलता, श्रीविजयनगर, कच्चा धागा प्रेम का (काव्य) डाॅ. रेखा गुप्ता, जयपुर, स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी-नाट्यों में युग चेतना (आलोचना) डाॅ. रजनी कुलश्रेष्ठ, उदयपुर प्रत्येक को 10-10 हजार रु. का सहयोग अकादमी द्वारा स्वीकृत किया गया है।
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