किसान हितैशी बने अफीम नीति-सांसद जोशी

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Published on : 21 Aug, 18 07:08

सांसद ने नई दिल्ली में आयोजित बैठक मे रखा किसानों का पक्ष

किसान हितैशी बने अफीम नीति-सांसद जोशी चित्तौडगढ | अफीम पॉलिसी २०१८-२०१९ फसल वर्ष के लिए किसान हितैषी हो और यह सितम्बर माह में जारी हो।

यह विचार चित्तौडगढ सांसद सी.पी.जोशी ने सोमवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की उपस्थिति में आयोजित वित्त मंत्रालय की महत्वपूर्ण बैठक मे भाग लेने के दौरान कहे। उपरोक्त महत्वपूर्ण बैठक में किसानों कि बात रखते हुए सांसद जोशी ने कहा कि सरकार ने पिछले चार वर्षो में अफीम काश्तकारों के लिए कई राहत के ऐतिहासिक निर्णय लिए है। इस वर्ष भी किसानों को औसत के आधार पर ही अफीम लाईसेंस दिए जाए ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो। किसानों के हित में मार्फिन की शर्त को समाप्त कर दिया जाए या इसको कम कर दिया जाए। १९९८-२००५ के मध्य किसानों को २ किग्रा औसत की छूट देकर लाईसेंस प्रदान किये जाये। १०० की औसत में २०१६-१७ के बाद वाले किसानों को भी सम्मिलित किया जाये। माननीय न्यायालय के माध्यम से एन.डी.पी.एस. संबंधी दोष मुक्त किये गये किसानों को लाईसेंस प्रदान किये जाये। अफीम तोल प्रक्रिया में ’’कच्चा तोल‘‘ बंद किया जाये। वर्ष २०१६-१७ एवं २०१७-१८ पर बडवल व गोमाना सी-पार्ट में अफीम तौल केन्द्र व अफीम फ्रेक्ट्री की जाँच में बहुत अधिक अन्तर होने लाईसेंस काटे गये, इस संबंध में पुनः जाँच की जाये। अफीम फसल का मूल्य बढाया जाये। अफीम फसल बुवाई के ४५ दिनों के अन्दर गिरदावरी कार्य पूर्ण कर लिया जाये। अफीम लाईसेंस में नाम, उपनाम, पिता, पति के नाम, गाँव इत्यादि में त्रुटि सुधार की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाये। जिन किसानों के द्वारा ८४ की औसत प्रदान की गई पॉलिसी में वर्णित मानक अनुसार मार्फिन नहीं बैंठी जबकि परिणाम में ’’वाटर मिक्स‘‘ आने वाले किसानों की औसत बैठी इसका परीक्षण कराया जाये। अफीम तौल केन्द्र पर ही अफीम जाँच का अंतिम परिणाम प्राप्त हो सके ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाये। आगामी माह सितम्बर-२०१८ के अन्तिम सप्ताह तक अफीम किसानों को लाईसेंस प्रदान कर दिये जाये। वर्ष १९९८ से २०१७ तक घटिया के कारण निरस्त अफीम लाईसेंस बहाल किये जाये। अफिम किसानों को जारी किये जाने वाले लाईसेंस में ’’नामों का शुद्धिकरण‘‘ विशेष केंप आयोजित करके किया जाये। अफिम लाईसेंस स्वीकृत होने के पश्चात् किसी भी कारण बुवाई नहीं करने से कटे हुये पट्टे बहाल किये जाये। मिलावट के कारण बंद किये गये पट्टे एक बार फिर माफी देकर बहाल किये जावें। संसदीय क्षेत्र के ८०-८२ किसानों के सेम्पल के आधार पर ही जांच कर उनके लाईसेंस बहाल किया जायें। सांसद जोशी ने मंत्री से अधिक किसान लाभान्वित हो ऐसी नीति घोषित करने का आग्रह किया।

बैठक आरम्भ होने से पूर्व सांसद जोशी ने माननीय केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला को १९९८ से २००३ तक औसत मे एक किलो की छूट देने का निर्णय करने एवं २००४-०५ से २०१५-१६ तक के वर्षो में अफीम खेती के गत पांच सालो में कुल पांच वर्षो के योग एवं पांचो वर्ष की औसत १०० प्रतिशत बराबर देने वाले किसानों को लाईसेंस जारी करने के निर्णय से संसदीय क्षेत्र में हजारों नये लाईसेंस बहाल करने के लिये धन्यवाद देते हुये चित्तौडगढ एवं श्रीसॉवरियाजी पधारने का आमंत्रण दिया। इस अवसर पर पूर्व उप जिला प्रमुख श्री मिठ्ठु लाल जाट एवं भाजपा के जिला महामंत्री बगदीराम धाकड उपस्थित थें।

इस बैठक में भीलवाडा सांसद सुभाष बहेडिया, कोटा सांसद ओम बिरला, मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता , नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार, राजस्व विभाग के विशेष सचिव जी.सी.मूरमु, संयुक्त सचिव रित्विक पाण्डेय, नाकोटिक्स निदेशक दिनेश बोध, नाकोटिक्स कमिश्नर ग्वालियर राजेश पुरी, नाकोटिक्स डायरेक्टर मयंक सिंह आदि उपस्थित थे।




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