चित्र बनाना आसान, चरित्र की चिंता करेंः अल्का शर्मा

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Published on : 21 Aug, 18 04:08

भागवत कथा का दूसरा दिन

चित्र बनाना आसान, चरित्र की चिंता करेंः अल्का शर्मा बारां। अहंकार मानव के पतन का कारण होता है। कर्म प्रदान है। व्यक्ति का व्यक्तित्व कर्म से बनता है। दुश्कर्म व्यक्ति का पतन का कारण होता है। यह बात बारां स्थित संस्था धर्मादा धर्मशाला में व्याख्यातनाम कथावाचक सुश्री अल्का शर्मा ने व्यासपीठ से कही। भागवत कथा के दूसरे दिन ध्रूव चरित्र का वर्णन करते हुए धू्रव के पिता की प्रति की आस्था धर्म के प्रति निश्ठा का विवचन किया। कथावाचक अल्का शर्मा के सुमधुर भरे कीर्तनों पर महिलाएं श्रोता खास रूप से झूम उठे। वहीं रविवार को अवकाश दिवसहोने के कारण मंडी संख्या में मंडी व्यापारी प्रतिश्ठित नागरिक व आमजन ने कथा श्रवण का लाभ उठाया। कथावाचक अल्का शर्मा ने बताया कि व्यक्तित्व व्यक्ति के खुद पर निर्भर करता है, वो जिस प्रकार का जीवन जीता है, उसी पर चलता है। बेहतर व्यकित्व के लिए संयमित जीवन सतचरित्र व मानव कल्याण की भावना विद्यमान होनी चाहिए। सुश्री अल्का शर्मा ने कहा कि भागवत कथा दुनिया के सभी गं्रथों से सर्वत्र है। अमेरिका में स्वामी विवेकानंद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि जब भारतीय संन्यासी स्वामी विवेकानंद अमेरिका में एक स्ािान पर भागवत कथा करने गए तो वहां अन्य धर्माचारियों ने भागवत कथा का अदारने की इच्छा से श्रीमद भागवत को दुनिया के सभी ग्रंथों से नीचे रख दिया। जब स्वामी खडे हुए तो उन पर टिप्पणी करते हुए भागवत कथ्ज्ञा पर तो दुनिया के सभी ग्रंथ रखेहुए है, ऐसे में भागवत कैसे सबसे बडी गं्रथ हो सकते हैं। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद को जब बोलने का मौका मिला जब उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि हां भागवत को दुनियाके सभी गंथों से नीचे रखा है, लेकिन उन्हीोंने अचानक सभी गं्रथों को उठाते हुए कहा कि दुनिया के सभी ग्रंथों का सार अकेली भागवत कथा में निहित है। यही कारण है कि भागवत सभी ग्रंथों में समेटे हुए हैं। भागवत जहां जीवन जीवन का संदेश देती है, वहीं व्यकित्व विकास का भी मार्ग प्रशस्त करती है। कथा के दौरान गणमान्य लोग बारां व्यापार महासंघ अध्यक्ष ललित मोहन खंडेलवाल, शिक्षाविद पुरूशोत्तम शर्मा, मदन गोपाल रूईवाले, डा. अशोक टक्करसहित कोटा, झालावाड, खानपुर, हरनावदाशाहजी आदि स्ािानों से श्रद्धालु पहुंचे। साध्वी को पुश्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। मुख्य यजमान देव कुमार, नंद कुमार ओमप्रकाश ठाकुरिया परिवार ने व्यास पीठ की पूजा कर सत्पनीक ग्रंथ आरती में भाग लिया।




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