ग्रामीण बालिकाओ ने पहली बार देखी फतहसागर झील

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Published on : 19 Aug, 18 13:08

फतहसागर आकर नन्ही बालिकाओ ने दिया बेटियो को बचाने का सन्देश

ग्रामीण बालिकाओ ने पहली बार देखी फतहसागर झील उदयपुर यह पहला मौका था जब ग्रामिण अंचल की नन्ही बालिकाए अपने गांव से निकलकर उदयपुर शहर के फतहसागर आई थी। उनके चहरे की खुशी एवं देश की बेटियो को पढाने का सन्देश देने के जोश और उत्साह को देख फतहसागर गुमने आए हर एक व्यक्ति ने नन्ही बालिकाओ की सराहना की। यह मौका बालिकाओ को प्प्थ्स् फाउन्डेशन एंव गायत्री सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा चलाए जा रहे फ्रिडम वीक के समापन के अवसर पर मिल पाया।

इस अवसर पर गायत्री सेवा संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्थान द्वारा बालिका शिक्षा कार्यक्रम अन्तर्गत प्प्थ्स् फाउन्डेशन के साथ मिलकर १५ अगस्त से १९ अगस्त २०१८ तक उदयपुर के दूर-दराज पिछडे क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियो का आयोजन किया गया। समापन के अवसर पर हमारी टीम ने आज उदयपुर जिले की उन जनजाति बालिकाओ जिन्होंने शहर देखने की इच्छा जाहिर की थी उन्हें आज फतहसागर की पाल पर लाकर सभी बालिकाओं से चित्रकला प्रतियोगिता करवाई गई।

गायत्री सेवा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चेतन पाण्डे ने बताया कि हमारे इस आयोजन का उद्देश्य बालिका शिक्षा को बढावा देने के साथ आए दिन बालिकाओ के साथ हो रहे यौन हिंसा, दुष्कर्म के खिलाफ आमजन को जागरूक करना है। इस पूरे सप्ताह में संस्थान द्वारा बालिकाओ को गुड टच-बेड टच, आत्मरक्षा एवं बाल अधिकारो की जानकारी दी गई।
फतहसागर पर लगे संकल्प घ्घ्घ्घ् पर उदयपुर एवं आस-पास से गुमने आए लगभग २०० लोगो ने हस्ताक्षर कर बेटियो के बचाने एवं पढाने की मूहिम में सहयोग देने का संकल्प लिया।

इस कार्यक्रम में बालिकाओ के उत्साहवर्धन हेतु यूनिसेफ प्रतिनिधी सिन्धु बर्नेजित, बाल कल्याण समिति उदयपुर के सदस्य डॉ. राजकुमारी भार्गव, बी. के. गुप्ता, परियोजना अधिकारी मनीष शर्मा, जिग्नेश दवे, भास्कर जोशी, फराह खान, घ्घ्घ्घ्घ् घ्घ्घ् घ्घ्घ्घ्घ् सहित बडी संख्या में उदयपुर के युवा मौजूद रहे।

अन्त में सबसे बेहतरिन ड्राइंग करने वाली गांव उम्वीया घाटी की रिना मीणा, कुन्डडा फला की हकरी मीणा, गिर्वा ब्लॉक की राधा मीणा को पारितोषिक दिया गया।


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