
उदयपुर । तेलीवाड़ा स्थित हुमड़ भवन में 23वें तीर्थंकर भगवान 1008 श्री पश्र्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस हर्षेाल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज के सैंकड़ों श्रावकों ने उपस्थित होकर धर्म लाभ लिया। भगवान 1008 श्री पश्र्वनाथ को 23 किलो का निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया। सकल दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने बताया कि इस अवसर पर हुमड़ भवन में पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखरजी की विशाल रचना की गई। शिखरजी की इस आकर्षक रचना को देखने के लिए श्रावकों की भीड़ उमड़ रही है। सवेरे से लेकर शाम तक कई श्रावकों ने शिखरजी की रचना की परिक्रमा की।
महामंत्री सुरेश राज कुमार पदमावत ने बताया कि ब्रह्मचारी विशाल भैया के निर्देशन में 51 Èीट के विशाल सम्मेद शिखरजी की रचना की गई है। मोक्ष कल्याणक दिवस के अवसर पर भगवान 1008 श्री पश्र्वनाथ भगवान को 23 किलो का निर्वाण लड्डू चढ़ाने का पुण्य लाभ भंवरलाल सिंघवी परिवार को प्राप्त हुआ। इस दौरान शांतिलाल देवड़ा सौधर्म इन्द्र बने। इनके अलावा बसन्तीदेवी, महावीर कुमार देवड़ा, देवी बाई, विकास एवं जैन जागृति महिला मंच की ओर से विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
इस दौरान अयोजित धर्मसभा में परम पूज्य चतुर्थ पट्टाधीश प्राकृताचार्य ज्ञान केसरी आचार्य श्री 108 सुनीलसागर जी महाराज के सुशिष्य क्षुल्लक सुमित्र सागरजी महाराज ने उपस्थित श्रावकों को 23वें तीर्थंकर भगवान 1008 श्री पश्र्वनाथ भगवान की महिमा बताई और उनकी आराधना करने से किस प्रकार से मनुष्य की मोक्ष गति होती है को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि भाव सहित जो भी श्रावक शिखरजी की वन्दना करता है वह मोक्ष गति को प्राप्त होता है।
सकल दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने बताया कि धर्मसभा में पूर्व आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज के सभी पूर्वाचार्यों के चित्र का अनावरण किया गया। उसके बाद शांतिधारा, दीप प्रज्वलन, सुनीलसागाजर महाराज ससंघ की अद्वविली सेठ शांतिलाल नागदा, सुरेशचन्द्र राज कुमार पदमावत, सेठ शांतिलाल नागदा, देवेद्र छाप्या, पारस चित्तौड़ा, विजयलाल वेलावत, राजपाल लोलावत, शांतिलाल चित्तौड़ा, कनक माला छाप्या आदि श्रावकों ने मांगलिक क्रियाएं की। धर्मसभा का संचालन बाल ब्रह्मचारी विशाल भैया ने किया जबकि मंगलाचरण बाल ब्रह्मचारी पूजा हण्डावत ने किया।
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