उदयपुर दक्षिण राजस्थान के उदयपुर जिले में 15 अगस्त को जहाँ सभी बच्चे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दे रहे थे तभी गींगला गांव में 10 वर्षीय नन्ही बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना ने पुरे मेवाड़ को शर्मसार कर दिया l सरकार पीड़ित बच्ची को कानूनन एवं चिकित्सा सहायता तो दे रही है पर अभी तक पोक्सो अधिनियम अंतर्गत नियुक्त होने वाला सपोर्ट पर्सन नहीं लगाया गया एवं यहाँ सबसे बड़ा चिंता का विषय है की हमारे इस ग्रामीण क्षेत्र में रोज सामने आने वाली इस तरह की घटनाओ को कैसे रोके l
बिखरी आबादी, दूर दराज एवं ग्रामीण क्षेत्रो में बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु भारत सरकार द्वारा वर्ष 2012 में जारी समेकित बाल संरक्षण योजना (ICPS) अंतर्गत गठित होने वाली PLCPC एवं BLCPC ( ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति) जो अभी तक राजस्थान में सक्रीय नहीं हो पाई है उन्हे सशक्त करने एवं इस तरह के मामलो में बच्ची या पीड़ित को सपोर्ट परसन (सहयोगी व्यक्ति, पोक्सो के अनुसार) तुरन्त मुहया कराने हेतु आज बाल सुरक्षा नेटवर्क, उदयपुर द्वारा मेनका गाँधी सहित राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार एवं राजस्थान बाल आयोग को पत्र भेज कर आवश्यक कार्यवाही हेतु मांग की गई l
बाल सुरक्षा नेटवर्क, उदयपुर के संयोजक डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने जानकारी देते हुए बताया की अन्य राज्यों में ग्राम स्तर पर बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु समितियों का गठन कर कार्य किया जा रहा है परन्तु राजस्थान में इस हेतु कोई विशेष कार्य नहीं किये गए l डॉ. पण्ड्या ने बताया की पूरी जानकारी राजस्थान बाल आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी को टेलोफोनिक देने के पश्च्यात बाल संरक्षण के मांगे आयोग को फेक्स एवं मेल द्वारा प्रेषित की जा चुकी है l राजस्थान बाल आयोग द्वारा इस पर आवश्यक कार्यवाही का आश्वाशन दिया गया l
बाल सुरक्षा नेटवर्क, उदयपुर के सह-सयोजक एवं प्रवक्ता भोजराज सिह पदमपुरा ने इस गटना की कड़ी निंदा करते हुए 48 घंटो में दुष्कर्मी को हिरासत में लेने की प्रशासन से मांग की l
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