जज्बा ऐसा कि रेल्वे के जवान एक के बाद एक कर गए रक्तदान

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Published on : 11 Aug, 18 10:08

लॉयन्स क्लब कोटा टेक्नो व इण्डियन मिशन ऑफ मेडिकल साइंसेज सोसाइटी का हुआ स्टेशन क्षेत्र में रक्तदान शिविर

जज्बा ऐसा कि रेल्वे के जवान एक के बाद एक कर गए रक्तदान	’देश पर जब आंच आती है तो जांबाज जवान रक्त बहाकर, प्राण न्यौछावर कर देश की रक्षा करने का जुनून रखते है और जब देशवासियो को रक्त की आवश्यकता होती है तो मंसूबे इतने बुलंद होते है कि रक्तदान कर उनकी जीवन रक्षा करने का एक जज्बा भी रखते है।‘‘ लगातार एक के बाद एक रक्तदान करने के लिए उमडते जवानो को देख कर्नल अंतरिक्ष गौतम ने यह बात कही। मौका था पुरानी रेल्वे कॉलोनी के पास पूनम कॉलोनी में आयोजित रक्तदान शिविर व रक्तदान विषयक कार्यशाला का। शिविर में कुल ६८ यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।
शिविर संयोजक अर्चना गौतम के अनुसार लॉयन्स क्लब कोटा टेक्नो, इण्डियन मिशन ऑफ मेडिकल साइंसेज सोसाइटी व टीम जीवनदाता के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को रक्तदान कार्यशाला व रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। कार्यशाला म मुख्य वक्ता के रूप में लॉयन्स क्लब कोटा टेक्नो के सचिव व रक्तदान के क्षेत्र में कार्य कर रहे टीम जीवनदाता के प्रेरक भुवनेश गुप्ता को आमंत्रित किया गया।
रेल्वे टेरीटोरियल आर्मी के जवानो ने जागरूकता की मिसाल की पेश
टेरीटोरियल आर्मी क्षेत्र निकट होने की वजह से फौजी भाईयो का वहां नियमित आवागमन हमेशा से था। शुरूआत में अर्चना गौतम ने रक्तदान किया। शिविर के प्रारंभ में कर्नल अंतरिक्ष गौतम व अर्चना गौतम को रक्तदान करते देख जवानो का उत्साह इतना उमडा कि एक के बाद एक आते ही चले गए।। उस प्रेरणादायी दृश्य से प्रभावित होकर सर्वप्रथम तीन जवान आए और रक्तदान कर गए। बस, उसके बाद एक के बाद एक करते ४७ जवानो व उनकी पत्नी ने रक्तदान किया। कर्नल अंतरिक्ष ने मौके पर आयोजित कार्यशाला में कहा कि जब भी रक्त की आवश्यकता होगी, देशवासियो का जीवन बचाने के लिए हमारे पीछे नही हटेगे। माहौल यह था कि महिलाओ में भी रक्तदान के प्रति बहुत जबरदस्त उत्साह था। फौजियो की पत्नी ने बढ चढकर रक्तदान कर खुशी जताई।
इस अवसर पर लॉयन्स क्लब कोटा टेक्नो की अध्यक्ष मंजू गुप्ता ने सभी को माल्यार्पण कर प्रमाण पत्र दिए। लायन मुकेश शर्मा, लायन रेणु अग्रवाल व जॉन्टी नायक ने सहयोग प्रदान किया। इण्डियन मिशन ऑफ मेडिकल साइंसेज सोसाइटी से रेणु कौशिक, श्याम, नावेद ने मिलकर व्यवस्था संभाली और सभी को प्रेरित किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए गुप्ता ने बताया कि एक यूनिट रक्त से तीन जिंदगियो को जीवनदान मिलता है। स्वैच्छिक रक्तदान की भावना प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति में प्रति तीन माह में होनी चाहिए। रक्तदान करने से हृदय रोग की संभावनाऐ कम हो जाती है और ६ जानलेवा बीमारियो की जांचे भी निःशुल्क हो जाती है। अंत में सभी को स्मृति चिहन भेंटकर प्रोत्साहित किया गया।


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