चिकित्सा मंत्री ने किया राज्य स्तनपान नीति का शुभारंभ

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Published on : 11 Aug, 18 05:08

चिकित्सा मंत्री ने किया राज्य स्तनपान नीति का शुभारंभ जयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने प्रदेश में पोषण अभियान-2022 के तहत 6 माह तक के बच्चों को केवल स्तनपान हेतु निर्धारित स्वास्थ्य लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मंगलवार को सायं स्वास्थ्य भवन में राज्य स्तनपान नीति का शुभारंभ किया। यह नीति शिशु के जन्म के एक घंटे में स्तनपान व छह माह तक केवल स्तनपान करवाने हेतु परिवार, समुदाय, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े समस्त कार्यकर्ताओं के लिए मार्ग-दर्शक सिद्ध होगी।
चिकित्सा मंत्री श्री सराफ ने समस्त स्तनपान करवाने वाली सभी माताओं, परिवारजनों एवं स्वास्थ्यकार्मिकों से लागू राज्य स्तनपान नीति में बताये गये तरीकों के अनुसार आचरण कर बच्चों को स्तनपान करवाने में अपना योगदान करने का आव्ह्ान किया है। उन्होंने बताया कि नेशनल फेमिली हैल्थ सर्वे-4 के अनुसार राजस्थान प्रदेश में जन्म के एक घंटे के भीतर मां के स्तनपान करवाने का प्रतिषत मात्र 28.4 प्रतिशत है वहीं जन्म के पहले छह माह तक केवल मात्र स्तनपान का प्रतिशत मात्र 58.2 है। इसलिए राज्य स्तनपान नीति लागू करना शिशु स्वास्थ्य के प्रति अनुकूल सिद्ध होगा। उन्होंने प्रत्येक बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर माॅ का दूध एवं 6 माह तक केवल स्तनपान के संकल्प को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि विभाग द्वारा समुदाय, स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को परामर्श के साथ-साथ स्तनपान में सहयोग प्रदान करने के उद्देष्य से माॅ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। साथ ही अधिक प्रसव वाले चिकित्सा संस्थानों में अमृत कक्ष की भी स्थापना की गयी है। जिनमें शिशु को स्तनपान करवाया जाता है। उन्होंने विष्वास व्यक्त किया कि स्तनपान नीति परिवार, समुदाय, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े समस्त कार्यकर्ता व सरकार द्वारा उचित देखभाल करने व अनुकूल वातावरण निर्माण करने की दिषा में महत्वपूर्ण साबित होगी।
स्वास्थ्य सचिव एवं मिषन निदेषक एनएचएम श्री नवीन जैन ने बताया कि माॅ का दूध बच्चों में गंभीर बीमारियां जैसे दस्त और निमोनिया से सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही शिशु के सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने बताया कि यह शिशुओं के साथ स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायी रहता है। उन्होंने बताया कि माॅ के दूध से वंचित नवजात शिशु को माॅ का दूध उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश के 18 जिलों में मदर मिल्क बैंक की स्थापना की गयी है। इस नीति के तहत इनका भी और उपयोग बढेगा। उन्होंने बताया कि अधिक प्रसव वाले चिकित्सा संस्थानों में स्तनपान में सहयोग हेतु महिला कार्यकर्ता यशोदा कार्यरत हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राजस्थान स्तनपान नीति के प्रभावी क्रियान्वयन एवं पालन से समुदाय एवं पोषण के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे।
बैठक में संयुक्त शासन सचिव श्री त्रिभुवनपति, निदेशक जनस्वास्थ्य डाॅ. वी.के. माथुर, परियोजना निदेषक शिशु स्वास्थ्य डाॅ. रोमेल सिंह सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
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