बाखासर में बन्दरगाह हेतु येाजना केन्द्र सरकार गति दें- सांसद चौधरी

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Published on : 07 Aug, 18 06:08

जैसलमेर | सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने बाडमेर-जालोर सीमा पर सांचौर के पास बाखासर में बन्दगाह निर्माण हेतु परियेाजना निर्माण एवं उक्त परियोजना को गति प्रदान करने के ज्वलन्त मुद्दे केा उठाते हुए बताया कि भू-विज्ञान द्वारा ऐसे प्रमाण मिले है कि प्राचिनकाल में कच्छ का रण एवं मरूस्थल जिसमें बाडमेर-जैसलमेर तक समुद्रीय क्षेत्र था। साथ ही इस क्षेत्र में डायानासोर जैसे विषालकाय जानवरों के भी प्रमाण मिलें है। जो इस बात की पुश्टि करते है कि पष्चिमी राजस्थान के थार एवं कच्छ का रण क्षेत्र पूर्व में समुद्रीय क्षेत्र था। सांसद ने सदन का ध्यान आकर्शित करते हुए बताया कि मेरे द्वारा पूर्व मं १९९६ एवं वर्तमान लोकसभा में भी १०अगस्त २०१५एवं १५मार्च २०१८ को स्वेज नहर की तर्ज पर अरब की खाडी से नहर का निर्माण कर बाखासर में बन्दरगाह निर्माण किये जाने की मांग रखी थी। सांसद ने कहा कि १९०२ में ब्रिटीष षासन ने सर्वे करवाकर इस प्रकार के बन्दरगाह के निर्माण की परिकल्पना की गई थी। उसके बाद आजाद भारत में भी लगातार मांग होती आई है। अरब सागर से १५०किमी गहरी, २१ फीट गहरी एवं ६७फिट चौडी नहर अरब सागर से बाखासर तक बिछाई जायेगी। इस प्रकार से यह देष को दुसरा सबसे बडा बन्दरगाह होगा। सांसद चौधरी ने बताया कि यह बन्दगाह राजस्थान में होने वाले आयात-निर्यात वर्तमान में पडोसी राज्य गुजरात के कांडला बन्दगाह पर निर्भर है। लेकिन बाडमेर एवं जालोर में संभावित बंदरगाह प्रदेष के आयात-निर्यात की दषा एवं दिषा दोनों केा बदल की क्षमता रखेगा। पष्चिमी राजस्थान में कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के साथ ही ग्रेनाईट, बेन्टोनाईट, लाईमस, लिग्लाईन एवं अन्य खनीजों के साथ ही जीरा, ईषबगोल, ग्वार, बाजरा के के साथ ही पनप रही आर्थिक संभावनाओं के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। खनीज, अनाज एवं तेल के निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पडेगा। इसलिए प्रधानमन्त्री, जहाजरानी मन्त्री एवं वितिय मन्त्री उक्त परियेाजना को केन्द्र की परियेाजना के सम्मिलित करते हुए बन्दगाह के सर्वे करवा कर कार्य केा गति प्रदान करने हेतु बजट का प्रावधान करे साथ ही क्षैत्र मंि परियेाजना को कार्य प्रारम्भ करते कार्य तन्त्र स्थापित करें।
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