कैंसर का दूरबीन द्वारा सफल ऑपरेशन, बनाई नई भोजन नली

( 41792 बार पढ़ी गयी)
Published on : 11 Jul, 18 09:07

उदयपुर संभाग में प्रथम गीतांजली कैंसर सेंटर के विषेशज्ञों ने की सफल सर्जरी

कैंसर का दूरबीन द्वारा सफल ऑपरेशन, बनाई नई भोजन नली उदयपुर| गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कैंसर शल्य चिकित्सक डॉ आशीष जाखेटिया एवं डॉ अरुण पांडेय ने ७६ वर्षी रोगी के भोजन नली में स्थित कैंसर का दूरबीन पद्धति (थोरेकस्कोप) द्वारा सफल ऑपरेशन कर रोगी को सामान्य जीवन प्रदान किया। केवल ५ घंटें चले ऑपरेशन में दूरबीन द्वारा सीने के रास्ते न केवल भोजन नली को हटाया, बल्कि पेट (आमाशय) से भोजन नली का निर्माण किया गया। सामान्यतः भोजन नली में कैंसर का ऑपरेशन सीने में बडा चीरा लगाकर किया जाता है, जिस कारण रोगी के फेफडों में संक्रमण, न्यूमोनिया, सांस लेने में परेशानी एवं आईसीयू में लम्बे समय तक भर्ती रहना पडता है। परंतु इस मामले में रोगी को मात्र एक दिन में आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया तथा सात दिन बाद छुट्टी प्रदान कर दी गई। ऑपरेशन के छठें दिन से ही रोगी तरल एवं अर्द्ध ठोस भोजन खाने में सक्षम हो गया। इस सर्जरी को वेट्स एसस्टिडिड थ्री फील्ड ईसोफजेक्टोमी कहते है। इस सर्जरी द्वारा इलाज उदयपुर संभाग में प्रथम बार हुआ है। यह एक दर्दरहित सर्जरी होती है जिससे रोगी जल्दी स्वस्थ हो जाता है। इस ऑपरेषन में शल्य चिकित्सकों के साथ एनेस्थेटिस्ट डॉ नवीन पाटीदार ने भी महत्वपूर्ण निभाई।
निष्चेतना विषेशज्ञ ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका..
इस ऑपरेशन में एनेस्थेटिस्ट डॉ नवीन पाटीदार ने अहम भूमिका निभाई। उनके नियंत्रण में ऑपरेषन के दौरान केवल एक ही फेफडे को वेंटीलेटर पर लिया गया था। वहीं दूसरा फेफडा पूरी तरह से बंद किया गया जो कि अत्यंत जटिल प्रक्रिया है क्योंकि फेफडे के फूलने से ऑपरेशन में बाधा उत्पन्न हो रही थी। और इसलिए यह ऑपरेशन दूरबीन पद्धति द्वारा संभव हो सका।

रोगी शंकरलाल ने बताया कि वह पिछले कई समय से खाना/पानी निगलने में दिक्कत, उल्टी, वजन कम होना जैसी परेशानियों से जूझ रहा था। उदयपुर के गीतांजली कैंसर सेंटर में ऑन्को सर्जन डॉ आशीष जाखेटिया एवं डॉ अरुण पांडेय से परामर्ष के बाद सीटी स्केन एवं एंडोस्कोपी जांचों द्वारा भोजन नली में तीसरे चरण के कैंसर का पता चला। कीमोथेरेपी की तीन डोज के बाद सर्जरी की गई।
शंकरलाल अब स्वस्थ है। रोगी का इलाज राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निःशुल्क हुआ।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.