डॉ.प्रभात कुमार सिंघल,कोटा/ लहू का लगान....जलालत भरे है ये दाग’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार पर जाँच हेतु वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रेमजीत सिंह तूली की अध्यक्षता में गठित की गई जॉच समिति ने आज केंद्रीय काराग्रह के निरिक्षण में व्यवस्था संतोषप्रद पाई गई।कारागृह में महिला बंदी के लिए ड्रग वेयर हॉउस से सेनेट्री नेपकिन उपलब्ध कराई जाती हैं तथा वर्तमान में पर्याप्त संख्या में स्टॉक में पायी गई हैं।
अधीक्षक केन्द्रीय कारागृह ने इस सम्बन्ध में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में जॉच कमेटी गठीत की जिसने महिला बंदीयों की संख्या के आधार पर आगामी 2 माह तक के लिए पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होना बताया है।
उन्होंने बताया कि कमेटी द्वारा 5 जुलाई को रिपोर्ट दी जिसमें वर्ष 2015 से केन्द्रीय कारागृह में स्वास्थ्य विभाग के आर.एम.़एस.सी.एल. के ड्रग वेयर हाउस से सेनेट्ररी नैपकिन प्राप्त कर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कमेटी को स्टॉक में 810 सेनेट्ररी नैपकिन उपलब्ध पाये गये जो महिला ।जेल अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में कारागृह में औसतन 30 महिला बंदी निरूद्व है। जिनमें से 10 महिला बंदी मीनोपॉस की अवस्था में है। अन्य सभी महिला बंदियों को आवष्यकतानुसार सैनेट्ररी नैपकिन महिला मुख्य प्रहरी द्वारा प्रदान किये जा रहे है।
उन्होंने बताया कि 4 जुलाई को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टैªट कोटा द्वारा अपने 2 घंटे के जेल निरीक्षण के दौरान महिला बंदियों से सैनेट्ररी नैपकिन की उपलब्धता के बारें में भी पूछताछ की गई एवं संतोष जाहिर किया। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर द्वारा भी इस संबंध में दिषा निर्देष प्रदान किए जाकर महिला बंदियों को नियमानुसार सभी आवश्यक सुविधाऐं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि कारागृह में जो स्वंय सेवी संस्था कार्य करने के लिये इच्छुक हैं उन्हें नियमानुसार पूर्व सक्षम अनुमति प्राप्त करना आवष्यक होता है। कारागृह में निरीक्षण के नियम राजस्थान कारागार नियम 1951 में यह उल्लेखित है।
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