12 साल बाद बाल विवाह का बंधन तोड़ने कोर्ट पहुंची

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Published on : 08 Jun, 18 10:06

सारथी ट्रस्ट की मदद से बाल विवाह निरस्त का वाद किया दायर

12 साल बाद बाल विवाह का बंधन तोड़ने कोर्ट पहुंची जोधपुर। छह बरस की उम्र में ब्याहने के बाद करीब 12 साल तक बाल विवाह का दंष झेलकर आखिरकार पिंटूदेवी ने बाल विवाह का बंधन तोड़ने के लिए जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय में दस्तक दी है। ससुराल वालों की लगातार मिल रही धमकियों से घबराई पिंटू देवी ने सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डाॅ.कृति भारती का संबल पाकर जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में बाल विवाह निरस्त करने की गुहार लगाई। जिस पर पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीष पीके जैन ने बाल विवाह निरस्त का वाद दर्ज कर तथाकथित पति को नोटिस जारी किया।
पीथावास गांव निवासी कमठा मजदूर सोहनलाल विष्नोई की पुत्री 18 वर्षीय पिंटू देवी का 2006 में बाल विवाह बनाड़रोड सारण नगर निवासी युवक के साथ हुआ था। बाल विवाह के समय पिंटूदेवी की उम्र 6 साल ही थी।
भय में पल-पल गुजारा
बालिका वधु पिंटूदेवी के ससुराल वालों के कथित तौर पर अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने के कारण परिजन पल-पल भय में गुजारते रहे। इस बीच अब ससुरालवालों ने पिंटूदेवी के घर आकर जानलेवा धमकियां देने के साथ ही बाल विवाह खत्म करवाने पर जाति दंड लगाने व हुक्का-पानी बंद करवाने की धमकियां भी देनी शुरू कर दी। जिससे पिंटूदेवी व परिजन काफी भयभीत हैं।
सारथी का संबल, निरस्त का वाद
कुछ दिनों पूर्व पिंटूदेवी व परिजनों को जोधपुर के सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डाॅ.कृति भारती की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे पता चला। जिस पर पिंटूदेवी ने बाल विवाह निरस्त के लिए डाॅ.कृति भारती से सम्पर्क किया। सारथी ट्रस्ट की डाॅ.कृति भारती की मदद से पिंटू देवी ने जोधपुर पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त के लिए वाद दायर किया। जिसमें डाॅ.कृति भारती ने पिंटूदेवी की आयु तथा अन्य संबंधित दस्तावेज भी न्यायालय के समक्ष पेष किए। पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीष पीके जैन ने बाल विवाह निरस्त का वाद दर्ज कर पिंटूदेवी के तथाकथित पति को नोटिस जारी किया है।
सारथी ट्रस्ट निरस्त में सिरमौर
गौरतलब है कि बाल विवाह निरस्त की अनूठी मुहिम में जुटे सारथी ट्रस्ट की कृति भारती ने ही देष का पहला बाल विवाह निरस्त करवाया था और उसके बाद 2015 में तीन दिन में दो बाल विवाह निरस्त करवाकर भी इतिहास रचा था। जिसके लिए कृति भारती का नाम वल्र्ड रिकाॅड्र्स इंडिया और लिम्का बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड सहित कई रिकाॅर्ड्स में दर्ज किया गया। सीबीएसई ने भी कक्षा 11 के पाठ्यक्रम में सारथी की मुहिम को शामिल किया था। देष भर में अब तक केवल सारथी ट्रस्ट ने ही 36 जोडों के बाल विवाह निरस्त करवाए हैं। वहीं सैंकडों बाल विवाह रूकवाएं हैं। जिसके लिए कृति भारती को मारवाड व मेवाड रत्न के अलावा कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
इनका कहना है
- मेरा अबोध उम्र में ही बाल विवाह कर दिया गया था। ससुराल वाले अपराधिक कृत्यों में लिप्त हैं। इसके अलावा कई अन्य कारणों से ससुराल नहीं जाना चाहती हूं। अब कृति दीदी की मदद से बाल विवाह निरस्त का वाद दायर कर दिया हैं। जिससे अब मुझे जल्दी ही बाल विवाह के बंधन से मुक्ति मिलने की आषा है। - पिंटू देवी, बालिका विवाह पीडिता।
- पिंटूदेवी के सुसरालवालों के दबाव काफी बना हुआ है। पहले पिंटूदेवी के बाल विवाह निरस्त के लिए न्यायालय में वाद दायर किया है। इसके बाद ससुराल वालों के खिलाफ अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही पिंटूदेवी के बेहतर पुनर्वास के प्रयास किए जा रहे हैं।

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