मधुवन में कलश यात्रा के बाद रामचरित मानस कथा प्रारंभ

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Published on : 18 May, 18 15:05

चित्तौड़गढ़ | उपनगरीय क्षेत्र मधुवन हाथीकुंड में श्रीरामचरित मानस ज्ञान महोत्सव कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ। मधुवन में नीलकंठ महादेव महोत्सव समिति व धर्मप्रेमियों की ओर से महोत्सव के प्रथम दिन शोभायात्रा एवं श्रीरामचरित मानस ग्रंथ यात्रा मधुवन में हाथीकुंड स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर पर कथा स्थल से शुरू हुई, जो लव-कुशनगर, बीमानगर, सदर मार्ग मधुवन होते हुए वापस हाथी कुंड पर कथा स्थल नीलकंठ महादेव मंदिर पर पहुंची।
कथावाचक पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी महाराज के निर्देशन में निकली शोभायात्रा में बैंडबाजों के साथ श्रद्वालु जयकारे लगाते चल रहे थे। झमकलाल सुखवाल सहित आगाल परिवार ने स्वागत किया। शोभायात्रा के पांडाल में पहुंचने के बाद कथा प्रारंभ हुई। शंभूलाल आमेटा ने बताया कि व्यास गादी पर विराजित रुद्रदेव त्रिपाठी महाराज का दिनेश आगाल, कमलेश आगाल, शिवलाल शर्मा विजयपुर, रतनलाल आगाल, नरेंद्र मालू, बसंतीलाल गदिया, सत्यनारायण न्याति, ओमप्रकाश सुखवाल, झमकलाल सुखवाल, रमेश उपाध्याय, एसके सचान, अनिल भटनागर, गोवर्धन जाट, पार्षद जगदीश जांगिड़, गोविंद गदिया, ओमप्रकाश चतुर्वेदी, कनकलता पाराशर, डाॅ. योगेश व्यास, प्रहलाद अग्रवाल, जानकीलाल गदिया, रतनदेवी मालू, बंशीलाल मूंदड़ा, राधेश्याम आमेरिया ने स्वागत किया।
मंगलाचरण के पूर्व पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी ने इस शौर्य नगरी के महत्व को बताते हुए भक्तिमती मीराबाई की भक्ति को याद किया। उन्होंने कहा कि बिना पुण्य के कुछ नहीं मिलता। संत और ब्राह्मण का दर्शन दुर्लभ है
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