शूटिंग:श्रेयसी ने स्वर्ण, ओम व अंकुर ने जीता कांस्य

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Published on : 12 Apr, 18 08:04

शूटिंग:श्रेयसी ने स्वर्ण, ओम व अंकुर ने जीता कांस्य ब्रिस्बेन भारत की श्रेयसी सिंह ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं की डबल ट्रैप स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर निशानेबाजी रेंज पर भारत का शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा जबकि ओम मिथरवाल और अंकुर मित्तल ने कांस्य पदक अपने नाम किए। श्रेयसी ने फाइनल में 96 स्कोर करके आस्ट्रेलिया की एम्मा काक्स को हराया। शूटऑफ में श्रेयसी ने दो और एम्मा ने एक निशाना लगाया। भारत की वष्ा वर्मन 86 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रही।
कांस्य पदक स्कॉटलैंड की लिंडा पीयरसन ने 87 अंकों के साथ जीता। मित्तल ने पुरु ष वर्ग में फाइनल्स में 53 का स्कोर किया। छह खिलाड़ियों वाले फाइनल्स में शामिल एक दूसरे भारतीय निशानेबाज मोहम्मद असब चौथे स्थान पर रहे। उन्होंने ग्लास्गो खेलों में कांस्य पदक जीता था। मिथरवाल ने पुरु षों की 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता जबकि जीतू राय आठवें स्थान पर रहे। युवा मिथरवाल ने इससे पहले 10 मीटर एयर पिस्टल में भी कांस्य पदक जीता था। वह आठ निशानेबाजों के फाइनल में 201.1 का स्कोर करके तीसरे स्थान पर रहे।
दस मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण जीतने वाले जीतू राय 105.0 स्कोर करके एलिमिनेट होने वाले पहले निशानेबाज थे।पहले दौर के बाद छठे स्थान पर रहे मिथरवाल 93.7 स्कोर करके शीर्ष पर पहुंच गए। उन्होंने दो शॉट तक बढ़त कायम रखी लेकिन रेपाचोली ने उन्हें दूसरे स्थान पर धकेल दिया। इसके बाद 9.8, 8.6, 10.2, 10.0 स्कोर करके वह दूसरे स्थान पर बने रहे। बाद में 7.2 और 7.6 के खराब स्कोर का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा और रजत की बजाय कांस्य पदक मिला।श्रेयसी ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा,‘‘मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। 2014 में मैंने रजत जीता था और मैं बहुत दुखी थी कि स्वर्ण नहीं जीत सकी लेकिन इस बार मेरे पास मौका था। मैंने शूटऑफ में संयम बनाए रखा और खुशी है कि शत प्रतिशत दे सकी।’ सने कहा, ‘‘एम्मा बेहतरीन निशानेबाज है और उसके खिलाफ जीतकर ज्यादा खुशी हुई। ईर मेरे साथ थे और किस्मत ने मेरा साथ दिया।’श्रेयसी ने कहा, ‘‘मेरे कोचों ने मेरी मदद की और परिवार भी यहां है। इस बार में स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से ही उतरी थी। मैं फिर रजत लेकर नहीं जाना चाहती थी।’ श्रेयसी के दादा और पिता दोनों भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। उसने दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भाग लिया लेकिन पदक नहीं जीत सकी थी। ग्लास्गो में रजत जीतने के बाद उसने 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था।
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