दादर और नगर हवेली पारीस्थितिकी पर्यटन

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Published on : 14 Mar, 18 13:03

दादर और नगर हवेली पारीस्थितिकी पर्यटन पर्यटन के लिए आदर्श जगह ले चलते हैं आपको दादर और नगर हवेली संघीय राज्य की भूमि पर। हरे-भरे वन, नदियां, पानी के बडे झरने, पहाडयां और वनस्पति इस की अपनी विशेषताएं हैं। भारत के पश्चिम की ओर यह संघ राज्य गुजरात एवं महाराष्ट्र के मध्य स्थित है। दमन गंगा यहां की प्रमुख नदी है जो अरब सागर में मिलती है। इसकी तीन सहायक नदियां पीरी, वर्ना एवं सकर्तोंद हैं। पहले २ अगस्त १९५४ तक यह क्षेत्र पुर्तगालियों के अधीन रहा तथा आजादी के बाद १९५४ से १९६१ तक वरिष्ठ पंचायत द्वारा संचालित मुक्त प्रदेश रहा एवं ११ अगस्त १९६१ को इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। राज्य के दक्षिण में महाराष्ट्र का ठांणे ;नासिक जिलाद्ध तथा गुजरात राज्य के वलसाड की सीमा से जुडा है। सिलवासा इस प्रदेश की राजधानी है। प्रदेश का क्षेत्रफल ४९१ वर्ग किलोमीटर एवं जनसंख्या ३४३७०४ है। यहां हिन्दी, गुजराती और मराठी भाषाएं बोली जाती हैं।
संघ राज्य की अर्थव्यवस्था प्रमुख आधार कृषि उत्पादन, मध्यम उद्योग एवं पर्यटन है। यहां धान, दालें, गेंहू तथा गन्ना प्रमुख फसल हैं। फलों में आम, चीकू, लीची एवं सेव उगाए जाते हैं। ऑटोमोबाइल पार्ट्स, सूती एवं रेशमी वस्त्र, नायलॉन, फिलामेन्ट, डिटर्जेंट पॉवडर, बिस्कुट, इंजीनियरिंग सामान, साबुन, रसायन, कैण्डीज व कलाई घडयां बनाने के प्रमुख उद्योग हैं।
सिलवासा में मॉस्क का संग्रह, संगीत उपकरण, मानव प्रतिमाएं तथा मछली पकडने के उपकरण का एक सुंदर संग्रहालय दर्शनीय है। यहां वनगंगा झील तथा आईलैण्ड गार्डन सिलवासा से ५ किलोमीटर दूरी पर है। हनीमून के लिए आने वालों लिए यहां एक अच्छा महौल है। तारपा तथा मास्क नृत्य यहां के लोकप्रिय नृत्य हैं। तारपा नृत्य को पार्वती नृत्य भी कहा जाता है। नृत्य की विशेषता कलाकारों द्वारा तेजी से घूमने वाले पोल पर पिरामिड की सुंदर आकृति बनाना है। यहां के हरे-भरे मैदान और झरने अलग ही छंटा बिखेरते हैं।
पर्यावरणीय पर्यटन
देश के पर्यटन में दादर और नगर हवेली के पर्यावरणीय पर्यटन स्थलों का अपना अलग महत्व है। यहां जैव-विविधता पर्यटकों को पारिस्थितिकी चमत्कारों का अनुभव कराती है। अपने मनोरम प्राकृतिक दृश्यों से पर्यटकों को आकर्षित करने की शक्ति रखती है। ऊँची-ऊँची पहाडयां, विविध जीव जन्तु, पेड-पौधों की कई प्रजातियां, बडी-बडी हरी झाडयां एवं तेज बहने वाली नदियां यहां के सुरम्य दृश्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां के ७० गाँव पर्यटकों को अपने सम्मोहन में बांध लेते हैं। पर्यावरणीय पर्यटन की अवधारणा को यहां वास्तविक रूप में अनुभव किया जा सकता है।
सिलवासा वाइल्डलाइफ टूर
दादर और नगर हवेली की राजधानी सिलवासा की भूमि सबसे रोमांचित और उत्तेजित करने वाली यात्रा लिये हुए है। यहां घने जंगल, समृद्ध वनस्पति सम्पदा, दुर्लभ और लुप्त प्रायः जानवरों की किस्में देखने को मिलती हैं। यहां कई प्रकार के वन्य जीव अभ्यारणय दर्शनीय हैं। एक छोटा चिडयाघर एवं बाल उद्यान सिलवासा का सर्वाधिक आकर्षक वन्यजीव एवं मनोरंजक पार्क है। यहां हिरण की कई प्रजातियां, रंगीन पक्षी तथा विशाल काय मगरमच्छ व अजगर देखने को मिलते हैं। वन्य विहार परिसर में भी विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों की अठखेलियां सैलानियों को लुभाती हैं। यहां परिसर में ठहरने के लिए छोटे-छोटे कॉटेज बने हैं। इनमें रह कर पर्यटक प्रकृति के साथ अपना समय व्यतीत कर सकते हैं।
जनजातीय संग्रहालय-
समुद्र तट के पास स्थित आदिवासी बहुल क्षेत्र में वर्लीज, कोकना, धोडया, दुबाल, कोली, काथोबी एवं नाइका आदि जनजातियां अपनी संस्कृति लिए हुए हैं। इनकी संस्कृति, रिति-रिवाज, पहरावा, आभूषण, अस्त्र-शस्त्र आदि को दर्शाने के लिए एक जनजातीय संग्रहालय बनाया गया है। यहां आने वालों को यहां के लोगों की संस्कृति की जानकारी के लिए इस संग्रहालय को अवश्य देखना चाहिए।
वनगंगा लेक गार्डन आसमान को छूते पर्वत, व्यापक क्षेत्र में फैली हरियाली और झरनों की सुन्दरता के बीच वनगंगा लेक गार्डन आने वाले सैलानियों की पसन्द बन जाता हैं। जंगल के बीच बनी झील के चमकते पानी से इसकी सुन्दरता और भी बढ जाती है। यह उद्यान सिलवासा से ५ कि.मी. दूरी पर है। यहां लकडी के पुल, हरे-भरे लॉन, रंग-बिरंगे मौसमी फूल, जॉगिंग ट्रेक्स और दलदली धरती के पास बने आकर्षक कॉटेज सब मिलकर सैलानियों को एक सपनों की दुनिया में ले जाते हैं। यहां झील में पैडल बोट का आनन्द लिया जा सकता है। कहना न होगा कि यहां के नजारे मंत्र मुग्ध कर देने वाले हैं। इसीलिए तो अनेक फिल्मों में इस स्थान की शूटिंग की गई है। यह गार्डन ७.५८ हैक्टेयर क्षेत्र में फैला है।
तपोवन टूरिस्ट कॉम्पलेक्स
यह स्थल बिंद्राबिन में स्थित है जो सिलवासा से १८ कि.मी. दूर एवं खानवेल से २ कि.मी. दूरी पर है। तपोवन टूरिस्ट कॉम्पलेक्स के आप-पास सुन्दर बगीचे लगाये गये हैं तथा यहां कई प्रकार के सजावटी और फूलों के पौधे लगे हैं। बगीचों के बीच फव्वारे लगाये गये हैं। यह एक अच्छा मनोरंजक पर्यटक स्थल है। बिंद्राबिन में भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है। हिरन वन उद्यान, आइलैंड गार्डन, वनधारा उद्यान, वाटर स्पोट्र्स सेन्टर दुधानी एवं हिमिवन हेल्थ रिजॉर्ट भी दादर और नगर हवेली के प्रमुख अन्य पर्यटक केन्द्र हैं।
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