आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने वाली योजनाओं को प्रभावी बनायें-भगत

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Published on : 25 Feb, 18 09:02

भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने शुक्रवार को उदयपुर प्रवास के दौरान सर्किट हाउस में जनजाति विकास की योजनाओं की समीक्षा बैठक ली।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनजाति समुदाय के कुछ अपने पारम्परिक व्यवसायों यथा मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन आदि का संवर्द्धन कर नवीन परिपेक्ष्य में जनजाति परिवारों को आय बढाने वाली योजनाओं का प्रभावी बनाएं। मंत्री ने शिक्षा पर विशेष ध्यान देने हेतु पर भी जोर दिया।

बैठक में जनजाति विकास विभाग के आयुक्त भवानी सिंह देथा सहित अजमेर विद्युत वितरण निगम लि.,सार्वजनिक निर्माण, जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, जल संसाधन तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संभाग स्तरीय अधिकारी तथा जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

नवाचारों को सराहा

मंत्री श्री भगत ने राजस्थान में जनजाति विकास हेतु संचालित योजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए विभिन्न नवाचारों की प्रशंसा की व केन्द्र सरकार के स्तर पर विचाराधीन प्रकरणों का भी शीघ्र निस्तारण करने का आश्वासन दिया।

आयुक्त श्री देथा ने विभागीय योजना एवं इस क्रम में अर्जित प्रगति से अवगत कराया साथ ही आयुक्त द्वारा जनजाति क्षेत्र के भारत सरकार स्तर पर विचाराधीन प्रस्ताव, समाज कल्याण विभाग की प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु भारत सरकार से राशि प्राप्ति तथा मानगढ धाम पर म्यूजियम निर्माण हेतु भारत सरकार के स्तर से राशि आवंटित करने हेतु निवेदन किया। जिस पर राज्यमंत्री ने विचार कर शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक आर.एन. बैरवा ने राज्य की तुलना में जनजाति क्षेत्र में स्वास्थ्य सूचंकाकों में अंतर बताते हुए जनजाति क्षेत्र में संचालित राजश्री, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रगति से अवगत कराया। जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियन्ता बी.पी. जोशी ने जनजाति क्षेत्र में विभागीय योजनाओं की प्रगति तथा जनसहयोग से संचालित मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान से क्षेत्र के जल स्तर में वृृद्वि की जानकारी दी।

सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता आर. सी. मेहता ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना, ग्रामीण गौरव पथ एवं आरआईडीएफ आदि योजनाओं की प्रगति से अवगत करवाया गया।

समाज कल्याण विभाग योजना पर चर्चा के दौरान अवगत कराया गया कि राज्य की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु कुल 618 करोड रूपये की मांग के विरूद्व अब तक 131 करोड रूपये ही प्राप्त हुए है। अतः 487 करोड रूपये की और आवश्यकता है जिसकी शीघ्र स्वीकृति हेतु निवेदन किया गया।

मंत्री ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

राजससंघ द्वारा लघु वन उपज संग्रहण एवं विपणन में की जा रही प्रगति से अवगत कराया गया। इस पर मंत्री श्री भगत ने सुझाव दिया कि नवाचार के रूप में चावल की ऐसी किस्म लगाई जाए जिसमें कम सिंचाई की आवश्यकता हो व किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने केरल में कटहल के विभिन्न उत्पादों के विपणन से किसानों को होने वाली अच्छी आय के बारे में बताते हुए राजस्थान में कटहल की खेती की संभावना पर कार्य करने का भी सुझाव दिया।

अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के अधिकारी द्वारा ग्रामीण विद्युतीकरण की प्रगति एवं अविद्युतीकृत ढाणियों में रहने वाले लोगों हेतु दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युतीकरण प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि शेष रहे परिवारों को सौभाग्य योजना के तहत सम्मिलित किया जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अनुसूचित क्षेत्र के विद्युतीकरण से शेष रहे 170000 को सोलर लेम्प उपलब्ध करवाने की हाल ही में की गई बजट घोषणा के बारे में भी गताया।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग पर चर्चा के दौरान बताया गया कि अनुसूचित क्षेत्र में हाल ही में माही बांध से बांसवाडा जिले की कुशलगढ एवं सज्जनगढ पंचायत समिति की पेयजल योजना पूर्ण की गई है जिससे इस क्षेत्र के 399 गांवों एवं उनकी ढाणियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। इसके अतिरिक्त बांसवाडा जिले घाटोल पंचायत समिति के 238 गांवों तथा पंचायत समिति बांसवाडा एवं छोटी सरवन के 232 गंावों हेतु वृहद्ध पेयजल परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जाखम बांध से प्रतापगढ शहर एवं प्रतापगढ जिले की अरनोद, प्रतापगढ एवं पीपलखूंट पंचायत समिति के 554 गांवों हेतु वृहद्ध पेयजल योजनाओं का कार्य की स्वीकृति जारी की गई है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित क्षेत्र के कुछ इलाकों में सौर उर्जा के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है। अनुसूचित क्षेत्र के फ्लोराईड प्रभावित क्षेत्रों में आर.ओ. के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना की भी जानकारी दी गई।

विभागीय अधिकारियों द्वारा आईटी के क्षेत्र में किये गये नवाचारों, बांसवाड़ा में मेंगो हब, मां बाडी योजना आदि के बारे में बताया गया। आयुक्त श्री देथा ने आश्वस्त किया गया कि आज की बैठक में प्रदत्त निर्देशों एवं सुझावों पर कार्यवाही कर जनजाति विकास की योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जायेगा।

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जनता डा
साभार :


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