सरकार जनता की नाराजगी भांप चुकी,

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Published on : 14 Feb, 18 10:02

इसलिए बजट केवल रस्म अदायगी: कांग्रेस

बारां । मुख्यमंत्री वसुध्ंराराजे द्वारा सोमवार को सदन में पेश किये गये अपने कार्यकाल के पांचवें व अन्तिम बजट पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रमोद भाया एवं जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट में प्रभावी तौर पर कोई प्रावधान नहीं किये गये, क्योंकि राज्य सरकार बीते 04 साल के कार्यकाल से स्वयं हताशा का शिकार हो चली, जिसके चलते यह बजट केवल रस्म अदायगी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। सरकार भी जानती है, कि जनता के दिलो-दिमाग में घर कर चुकी नाराजगी को दूर नहीं किया जा सकता। इसलिए ज्यादा कुछ करके भी राजनीतिक लाभ हासिल नहीं किया जा सकता। वहीं चुनावी वर्ष के कारण योजनाओं की क्रियान्विती भी संभव नहीं है। जैसा कि भाजपा की संस्कृति है, बाते बडी-बडी, सपने लुभावने और जमीन पर कुछ नही। वैसा ही हस्र इस बजट का भी होना है। दोनो नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयानों और बातों से पेट नही भरता। चार साल कुछ किया नही, जनता ने उप चुनावों में इसे आईना दिखा दिया फिर भी अपनी चाल नही बदली और बजट में सिर्फ बातें ही की है।
भाया एवं पानाचंद मेघवाल ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। भाजपा की मुख्यमंत्री द्वारा गत 4 सालों मेंजब-जब बजट घोषणाएं की गई, उनमें से कई का तो आज तक काम चालू नहीं हुआ है। यह इनकी नाकामी की बहुत बडी मिसाल है। गत बजट में बारां की सोनवा पेयजल स्कीम की घोषणा की गई थी, उसका आज तक मौके पर काम चालू नहीं हुआ, जबकि कांग्रेस सरकार के समय इसका सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका था। इसी प्रकार गत बजट में इस सरकार ने दांयी मुख्य नहर के जीर्णोद्वार की बात कही। कांग्रेस शासन के दौरान दांयी मुख्य नहर के जीर्णोद्वार के लिए 1130 करोड रूपये की स्वीकृतियां जारी की गयी थी और कई कार्यो के टेण्डर भी हो चुके थे लेकिन इस सरकार द्वारा जो नई घोषणा की गई वह तो दूर की बात है पुराने स्वीकृतशुदा कार्य भी आज तक पूर्ण नही करवाए गए। पिछले बजटों में परवन परियोजना के लिए बडी-बडी घोषणाए की लेकिन कांग्रेस शासन में स्वीकृत परवन परियोजना के मूल डेम के निर्माण कार्य को भी आज तक गति नही दे पाए। यही हाल परवन तुलसा लिफ्ट का हुआ है। इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा पिछली बार के बजट भाषण में घोषणा की गयी थी, लेकिन इसका कार्य आज तक पूर्ण नहीं हुआ है। कांग्रेस शासन के दौरान सायगढ पेयजल योजना का कार्य प्रारंभ हो गया था, वह कार्य आज तक पूरा नहीं हुआ है।
प्रदेश में खेती-किसानी की बिगड़ती दशा के मध्येनजर कांग्रेस लगातार किसानों के सम्पूर्ण कर्ज माफ की मांग कर रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा केवल मात्र 50 हजार रूपए के कर्ज माफी की घोषणा एवं मेरिट के आधार पर किसानों को राहत देने की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड लिया गया, जो सरकार के गैरजिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि किसानों को 50 हजार का कर्जा माफ किए जाने की घोषणा केवल मात्र छलावा है। जबकि राज्य में कई किसान आत्महत्याएं कर चुके है। किसानों के ऋण की पूर्ण कर्ज माफी होनी चाहिए थी।
उल्लेखनीय है कि काॅग्रेस इस मुद्दे पर बारा से झालावाड़ तक की किसान न्याय पदयात्रा कर चुकी है। इसके बावजूद किसानों को लेकर सरकार गंभीर नहीं हुई। किसानों के बिजली बिलों की राशि को माफ करने की मांग भी कांग्रेस द्वारा की गई थी, लेकिन भाजपा सरकार द्वारा किसानों के बिजली बिलों की माफी को लेकर बजट में कोई घोषणा नही की गई है।
पूर्व मंत्री भाया एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अभी तो गत वर्ष के बजट में की गयी घोषणाओं को ही पूरा नही किया गया, जबकि इसी वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हंै। अतः इस चुनावी बजट को पूरा कर पाना टेढी खीर ही नही बल्कि सच्चाई में इसमें से कुछ भी जमीन पर जनता को फायदा दे ऐसा होना संभव नही लगता।
दोनों काॅग्रेस नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर कोई घोषणा नही की, जिससे एनआरएचएम, मनरेगा जैसी योजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों को हताशा हासिल हुई है। वर्षो से पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे होमगार्डस की मानदेय वृद्वि को लेकर कोई घोषणा नही की गई, जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा होमगार्डस को पुलिसकर्मी के बराबर वेतनमान दिए जाने के निर्देश बहुत पहले जारी कर दिए गये हंै, जिसका इस बजट में कोई ध्यान नही रखा गया है।हजारों की संख्या में हटाए गए विद्यार्थी मित्रों के लिए कोई बात नहीं की गई है। कांग्रेस की गहलोत सरकार ने छठा वेतन आयोग 1 जनवरी 2006 से दिया था। सरकार से समझौते के अनुरूप इस सरकार को सातवा वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से देना चाहिए था जबकि इसे 1 जनवरी 2017 से दिया है। वो भी भुगतान 3 किश्तों में। समयबद्व पदोन्नति पर भी भाजपा सरकार चुप रही है यह कर्मचारियों के साथ धोखा है।
बारां जिला मुख्यालय पर तेलफेक्ट्री रोड़ का रेलवे ओवरब्रिज कांग्रेस शासन के दौरान आरयूआईडीपी योजना के अंतर्गत स्वीेकृत हो चुका था। उसी दौरान कोटा से बीना रेल्वे लाइन का दोहरीकरण का कार्य जो स्वीकृत हुआ इस कारण वह कार्य शुरू नही हो पाया। भाजपा द्वारा इसकी कई बार घोषणाएं की लेकिन इस बजट में भी इसका कोई प्रावधान नही रखा। कांग्रेस के शासन में मेडिकल काॅलेज की सैद्वान्तिक सहमति बन गई थी और साथ ही उसके लिए मेेलखेडी रोड पर भूमि भी आरक्षित कर दी गई थी। भाजपा सरकार आने के बाद में इसको तत्कालीन चिकित्सा मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड द्वारा चुरू हस्तान्तरित कर दिया गया। यहां के भाजपा जनप्रतिनिधि मूकदर्शक होकर बैठे रहे। बारां में मेडिकल काॅलेज खोले जाने की वर्षों पुरानी उम्मीद इस बजट में एक बार फिर गुम हो गयी। भाजपा के राज में 15 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा कर चुकी मुख्यमंत्री ने अब तक केवल मात्र 67961 युवाओं को नियुक्तियां दी हंै,जबकि इस बजट घोषणा के मुताबिक 77100 युवाओं को नौकरी देने की बात कही गई है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान होगी। प्रदेश का आलम यह हो गया कि युवाओं में बेरोजगारी के कारण हताशा का माहौल बना हुआ है।
केन्द्र की भाजपा सरकार की तर्ज पर पेट्रोल, डीजल महंगा कर जनता को लूटने का काम यह सरकार कर रही है जब केन्द्र में जब यूपीए की सरकार थी तब कच्चा तेल आज के भावों से दुगुना था लेकिन डीजल, पेट्रोल आज के भावों से भी सस्ता था। अमीरों की पार्टी भाजपा केन्द्र व राज्य दोनों जगह आम गरीब जनता के दर्द को समझती तो डीजल, पेट्रोल के दामों को सस्ता कर राहत प्रदान करती। लेकिन सरकार ने इसमें भी कोई राहत प्रदान नही की है।
भाया एवं मेघवाल कहा कि औसत रूप से श्रीमती राजे द्वारा अपने कार्यकाल का पेश किया गया अन्तिम बजट थोथी घोषणाओं से भरा हुआ है। मुख्यमंत्री स्वयं जानती हैं, कि कुछ ही महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव हो जायेंगे तथा चुनाव आचार संहिता के चलते बजट में की गई घोषणाएं क्रियान्वित नहीं हो सकती।इसलिए केवल रस्म अदायगी की जाकर बजट कार्यवाही निपटायी गयी है। जनता इस बात का करारा जवाब आगामी चुनाव में इस सरकार को देगी और भाजपा को उसके घमंड का सबक अवश्य मिलेगा।


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